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अगर आपके बच्चे की आंखों की चमक फीकी पड़ रही है या नाखूनों का गुलाबीपन पीलेपन में बदल रहा है, तो यह महज सामान्य समस्या नहीं हो सकती. बच्चों के शरीर में ऐसे बदलाव एक गंभीर बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
आज के दौर में तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों में लापरवाही के कारण बच्चों में कई गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं. उनमें से एक है एनीमिया. अगर आपके बच्चे की आंखों और नाखूनों का रंग हल्का या पीला पड़ रहा है, तो यह एनीमिया का संकेत हो सकता है. इस स्थिति में शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, जिससे खून में हीमोग्लोबिन का लेवल गिरने लगता है.
डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों में एनीमिया का सबसे सामान्य लक्षण है आंखों और नाखूनों में गुलाबीपन की कमी. इसके अलावा बच्चों में थकान, चिड़चिड़ापन, सांस फूलना, भूख की कमी, बालों का झड़ना और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. बच्चों के विकास में रुकावट और पढ़ाई में ध्यान न लगाना भी एनीमिया के संकेत हो सकते हैं.
क्यों होता है एनीमिया?
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में आयरन की कमी, सही पोषण न मिलना, ज्यादा जंक फूड का सेवन और हरी सब्जियों की कमी एनीमिया का मुख्य कारण है. खासकर, स्कूल जाने वाले बच्चों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है.
कैसे करें बचाव?
आयरन से भरपूर डाइट: बच्चों को ऐसी चीजें खिलाएं जिनमें आयरन भरपूर मात्रा में हो, जैसे पालक, ब्रोकली, बीन्स, अनार, चुकंदर और दालें.
विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं: विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है. संतरे, नींबू और आंवला बच्चों की डाइट में शामिल करें.
जंक फूड से दूरी: बच्चों को ताजे फलों, सब्जियों और घर के बने खाने की आदत डालें. जंक फूड से दूरी बनाना बहुत जरूरी है.
सही दिनचर्या: नियमित समय पर खाने और सोने की आदतें बच्चों की सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
डॉक्टर की सलाह: अगर आपके बच्चे में एनीमिया के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच कराएं.