
महाराष्ट्र में अब से ई-स्टाम्प पेपर.
महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस सरकार ने कागज के बॉन्ड को ख़त्म कर दिया है. इसकी जगह आज से महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड शुरू हो गए हैं. इससे आयातकों और निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है.
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इसकी पहल की है. चाहे वो जलग्रहण क्षेत्र मुक्ति हो या किसी ज़मीन के हिस्से की गणना के लिए शुल्क कम करना, उन्होंने साहसिक फ़ैसले लिए. इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य योजनाएं भी लाई है.
राज्य में ई-बॉन्ड लॉन्च
महाराष्ट्रमें शुक्रवार से इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड शुरू हो गए हैं. इससे कस्टम अधिकारियों द्वारा तत्काल सत्यापन के कारण धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा. पिछले बॉन्ड में इलेक्ट्रॉनिक रूप से राशि बदलना या बढ़ाना संभव होगा. कस्टम अधिकारियों और ग्राहकों के ई-हस्ताक्षर से लेनदेन अधिक सुरक्षित और पारदर्शी होगा.
ई-बॉन्ड क्या है? जानिए इसके फायदे
- महाराष्ट्र सरकार के पंजीकरण एवं स्टाम्प विभाग द्वारा आज राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड (एनईएसएल) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के तकनीकी सहयोग से कस्टम ई-बांड प्रणाली का शुभारंभ किया गया.
- यह नई प्रणाली आयातकों और निर्यातकों को विभिन्न लेनदेन के लिए अलग-अलग कागजी बांड जारी करने के बजाय, एक ही इलेक्ट्रॉनिक बांड के माध्यम से सभी प्रक्रियाएं पूरी करने की अनुमति देगी.
- इन बांडों का उपयोग अनंतिम मूल्यांकन, निर्यात संवर्धन योजनाओं, भंडारण और बांडेड गोदामों में विनिर्माण आदि के लिए किया जा सकता है.
- यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है और आयातक/निर्यातक आइसगेट पोर्टल से ई-बांड तैयार करेंगे, ई-स्टाम्पिंग और ई-हस्ताक्षर एनईएसएल द्वारा किए जाएंगे और अंत में सीमा शुल्क अधिकारी द्वारा ऑनलाइन सत्यापन किया जाएगा.
- स्टाम्प ड्यूटी सहित सभी शुल्कों का भुगतान पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा.
- महाराष्ट्र स्टाम्प अधिनियम के तहत निर्धारित 500 रुपये का शुल्क अब ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा, जिससे कागजी स्टाम्प की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी.
- आधार आधारित ई-हस्ताक्षर होंगे. आयातक या निर्यातक और सीमा शुल्क अधिकारी, दोनों के ई-हस्ताक्षर से लेन-देन अधिक सुरक्षित और पारदर्शी हो जाएगा.
- यह पर्यावरण अनुकूल तरीके से ‘हरित शासन’ की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, जिससे कागजी कार्रवाई की आवश्यकता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.
- वास्तविक समय सत्यापन से सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा तत्काल सत्यापन संभव होगा तथा धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा.
- ई-बांड में, पिछले बांड की राशि में कोई भी आवश्यक परिवर्तन या वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक रूप से की जा सकती है.
- इस प्रणाली से सीमा शुल्क प्रसंस्करण में तेजी आएगी, व्यापार में सुविधा होगी तथा सरकार की डिजिटल इंडिया और व्यापार में आसानी की पहल को बढ़ावा मिलेगा.