
मायावति और उदित राज
बहुजन समाज पार्टी ने पिछले महीने काशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में विशाल जनसभा का आयोजन करा था. समाजवादी के नेताओं के बाद BSP की रैली पर कांग्रेस के नेता भी सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस नेता उदित राज ने रविवार को दावा किया कि बहुजन समाज पार्टी की ओर से पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित रैली का मकसद बिहार विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित करना था.
BSP प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए राज ने कहा, “कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में रैली एक बहाना थी. असली मकसद बिहार में बीजेपी की जीत पक्की करनी थी. मायावती ने अब तक उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम किया है, लेकिन अब उन्होंने बिहार की भी जिम्मेदारी ले ली है.”
कांग्रेस नेता ने रायबरेली लिंचिंग मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एक वाल्मीकि को ग्रामीणों ने चोर समझकर मार दिया, उत्तर प्रदेश में दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. उदित राज ने इन सब मुद्दों पर मायावती की ओर से सख्त विरोध न किए जाने पर सवाल खड़े किए.
BSP और BJP में जय और वीरू की दोस्ती
एक्स पर की गई एक पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा, “शुरू में ही इस पर संदेह था, क्योंकि उन्होंने कभी भी कांशी राम की पुण्यतिथि पर रैली नहीं की थी. रैली का असर यह हुआ कि बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी टिकटों के दाम न सिर्फ बढ़े, बल्कि इंडिया गठबंधन का वोट शेयर भी कटेगा. क्या यह जय और वीरू की दोस्ती से कम है?”?
इसके अलावा उन्होंने पूछा कि अगर बीजेपी सरकार में न होती तो क्या कोई भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर जूता फेंकने का सोच सकता था. राज ने यह भी पूछा कि हरियाणा के IPS अधिकारी वाई पुरन कुमार की कथनी आत्महत्या को लेकर उत्तर प्रदेश में दलित कर्मचारी और अधिकारी चुप क्यों हैं.
बता दें, कुमार एक 2001 बैच के IPS अधिकारी ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने निजी आवास पर खुद को गोली मार ली थी. राहुल गांधी ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की थी. लेकिन मायावति की ओर से एक्स पर प्रतिक्रिया के अलावा कोई मजबूत कदम नहीं उठाया गया.
बिहार चुनाव की तारीखें
बिहार में मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होगा और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. 243 विधानसभा सीटों में से बहुजन समाज पार्टी ने 181 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. महागठबंधन के कुथ नेताओं का मानना है कि ये उम्मीदवार वोट काटकर NDA की मदद करेंगे.




