CM नीतीश कुमार अब पहचान भी नहीं पाते, टीवी9 डिजिटल बैठक में पूर्व सहयोगी बीमा भारती का दावा

CM नीतीश कुमार अब पहचान भी नहीं पाते, टीवी9 डिजिटल बैठक में पूर्व सहयोगी बीमा भारती का दावा

बिहार की पूर्व मंत्री बीमा भारती

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले टीवी9 डिजिटल सियासी विचारों के मंच डिजिटल बैठक लेकर आया है. डिजिटल बैठक बिहार के 5 शहरों में चलाया गया जिसमें पांचवां और आखिरी चरण पूर्णिया में आयोजित किया गया. पूर्णिया में डिजिटल बैठक में बिहार की पूर्व मंत्री बीमा भारती ने कहा कि नीतीश कुमार अब लोगों को पहचान भी नहीं पाते हैं. आधे घंटे में ही वह लोगों को भूल जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस बार के चुनाव में वह अपनी बेटी को मैदान में नहीं उतारेगी.

डिजिटल बैठक में नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर पूर्व मंत्री बीमा भारती ने कहा, इस बार बदलाव होगा. नीतीश कुमार थके हुए मुख्यमंत्री हैं. पहले जिस तरह के मुख्यमंत्री थे वो अब उस तरह के मुख्यमंत्री नहीं रहे. वो अब कहीं जाकर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब क्यों नहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के साथ ही बेरोजगारी और गरीबी को लेकर बात क्यों नहीं करते. बीमा भारती आरजेडी में आने से पहले जनता दल यूनाइटेड में थीं.

पप्पू यादव को पूर्णिया में समर्थन नहीं दिए जाने पर बीमा भारती ने कहा कि इस सवाल का जवाब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ देते हैं. महागठबंधन ने हमें लड़ने को कहा तो हम मैदान में उतरे. पप्पू यादव के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं. वह पूर्णिया से सांसद हैं. हमारे सांसद हैं.

नीतीश को अब याद नहीं रहताः बीमा भारती

प्रशांत किशोर के इस आरोप पर कि नीतीश कुमार को अपने मंत्रियों के नाम भी याद नहीं, के सवाल पर बीमा भारती ने कहा कि बिल्कुल, हमारी बेटी भी एक बार नीतीश कुमार से मिलने साथ गई थी. बेटी जिला परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ी थी तो उसी सिलसिले में हम लोग मिलने गए थे. तो हमारे बेटी से बोले कि लेशी सिंह कौन हैं. तो उन्हें बताया गया कि वह धमदाहा सीट से विधायक हैं और आपकी कैबिनेट में मंत्री भी हैं. तो उनके साथ में रहने वाले ललन सिंह ने उनको बताया कि वह धमदाहा से विधायक लेशी सिंह के बारे में बोल रही है. इस पर सीएम ने पूछा कि वो जेंट्स हैं या लेडी हैं. ऐसे में उन्हें बताया गया कि वो लेडी हैं और अपनी ही पार्टी की नेता हैं, तो अब ऐसी उनकी हालत हो गई है.

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि एक घंटे के बाद जाएंगे तो पहचान ही पाएंगे कि ये कौन है, ये वाकया कई बार हो चुका है. अभी चले जाइए, और फिर आधे घंटे के बाद फिर मिलेंगे तो उन्हें याद ही नहीं रहता. ऐसे हालात में बिहार का विकास कैसे होगा. इसीलिए बिहार की पूरी जनता मन बना चुकी है कि तेजस्वी यादव को लेकर मन बना चुकी हैं.

रुपौली सीट से चुनाव लड़ने की तैयारीः बीमा भारती

जेडीयू छोड़ने के पीछे क्या लेशी सिंह की जगह मंत्री नहीं बनाया जाना रहा, के सवाल पर बीमा भारती ने कहा कि ऐसा नहीं है. पूर्णिया जिले में 2 सीट जेडीयू के पास है, एक रुपौली और धमदाहा सीट. दोनों सीटों पर महिला विधायक थीं. नीतीश कभी मुझे तो कभी लेशी सिंह को मंत्री बनाते थे. मंत्रालय को लेकर मुझे कोई दिक्कत नहीं थी. जहां तक विधानसभा क्षेत्र की बात है कि जब लोग चुनते हैं तो उन्हें नेता से उम्मीद रहती है. हमें मुख्यमंत्री जी से उम्मीद रहती है. हमारा इलाका बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. कई बार हमने बांध को लेकर मांग की, हर साल फसल बर्बाद हो गया, सरकार की ओर से कुछ भी सुविधा नहीं दी गई. वहां पर किसी को कोई लाभ नहीं दिया गया.

क्या इस बार के चुनाव में अपनी बेटी के लिए भी टिकट मांग रही हैं, के सवाल पर बीमा भारती ने कहा कि इस बार हम अपनी बेटी को चुनाव में नहीं उतारेंगे. अभी मैं रुपौली सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हूं. अभी उसका कोई प्लान नहीं है. अभी वह जिला परिषद है, चुनाव नहीं लड़ने जा रही है.

धमदाहा सीट से लेशी सिंह 5 बार से विधायक और वर्तमान में मंत्री हैं, उनके खिलाफ आरजेडी किस तरह का प्लान कर रही है, के सवाल पर बीमा भारती ने कहा कि इस बार धमदाहा में लालटेन जलेगा और मजबूती से जलेगा, वहां पर मजबूती से तैयारी चल रही है. महागठबंधन का जो भी उम्मीदवार होगा वो मजबूती लड़ेगा और जीत हासिल करेगा. उन्होंने आगे कहा कि हम भी 5 बार से विधायक रहे हैं, चुनाव में बदलाव जरूरी होता है.

मर्डर केस में पति-बेटे को फंसायाः बीमा भारती

साल 2015 में अपने पति को जेल से भगाने के आरोप पर बीमा भारती ने कहा, ये किसने कहा कि भगाने का काम किए. वो भागे ही कहां थे. आप कहां से सुने ही इस तरह की बात. 2024 में बेटे और पति को पकड़े जाने पर बीमा भारती ने कहा कि जब हम सरकार से अलग हुए तो हमें राजनीति के तहत फंसाया गया. मेरा बच्चा 12वीं की परीक्षा भी नहीं दे पाया और बेवजह मर्डर केस में नाम दिया गया. पति को भी फंसाया गया.


उन्होंने कहा, तब बिहार में सिर्फ रुपौली में उपचुनाव कराया गया. हम इलाज के लिए हैदराबाद गए थे. अचानक तारीख जारी कर दी गई. उपचुनाव से एक महीने पहले ही वहां पर मर्डर हो गया. जिसका मर्डर हुआ वो मेरा रिश्तेदार था. इस मर्डर में पति और बेटे को फंसा दिया गया. मेरे पति ने वहां पर दुकान बंद करा दिया और इस आरोप में उन्हें फंसा दिया गया. मैं लगातार संघर्ष कर रही हूं. मारपीट और धमकी के जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो गलत है.