
महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के बाबुलगांव में एक बेहद चिंता जनक मामला सामने आया है। यहां एक 9 वर्षीय लड़के ने अपनी सहपाठी 9 वर्षीय लड़की की मदद से अपनी 8 वर्षीय नाबालिग सहपाठी का स्कूल के शौचालय में यौन उत्पीड़न किया। यह घटना समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटना का पूरा विवरण
1 अगस्त की घटना में उक्त 9 वर्षीय लड़के ने अपनी कक्षा की 9 वर्षीय लड़की से मदद मांगी जिससे वे दोनों मिलकर 8 वर्षीय मासूम को बहला-फुसला कर स्कूल के टॉयलेट ले गए। वहां उस बच्ची के साथ अत्याचार किया गया। शुरुआती दिनों में बच्ची चुप रही लेकिन बाद में उसे गंभीर दर्द होने लगा और वह अपनी मां को यह बात बताई।
कानूनी कार्रवाई और पुलिस की प्रतिक्रिया
बच्ची की शिकायत मिलने पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत और बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेजा गया है जहां उन्हें सुधारने की कोशिश की जाएगी। पुलिस अधीक्षक कुमार चिंता ने इसे गंभीर अपराध बताया और जांच तेज कर दी है।
समाज के लिए चेतावनी
यह मामला बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को दर्शाता है। स्कूल, परिवार और समाज को मिलकर बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना जरूरी है।
निष्कर्ष
बच्चों के साथ इस तरह के अपराध को रोकना सभी का कर्तव्य है। बेहतर सुरक्षा उपाय, सही शिक्षा और जागरूकता के जरिये ही भविष्य की पीढ़ी को सुरक्षित बनाया जा सकता है।
(यह खबर कानूनी और सामाजिक जागरूकता के उद्देश्य से है। गंभीर मुद्दों की स्थिति में अधिकारिक मदद लें।)