भारत-चीन रिश्ते हमेशा से तनाव और सहयोग के बीच उलझे रहे हैं। कभी सीमा विवाद तो कभी व्यापार में रुकावट, दोनों देशों का रिश्ता अक्सर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। लेकिन अब चीन के एक बड़े ऐलान ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच रिश्तों की नई दिशा तय हो सकती है। दरअसल चीन ने भारत की तीन बेहद अहम मांगों पर नरमी दिखाई है और Fertilizers, Rare Earth Magnets और Tunnel Boring Machines पर लगे निर्यात प्रतिबंध हटा दिए हैं।

जयशंकर-वांग यी की मुलाकात का असर
यह फैसला अचानक नहीं आया। पिछले महीने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुई बैठकों के बाद हालात में नरमी के संकेत मिलने लगे थे। खासतौर पर एलएसी (LAC) पर सैनिकों की आंशिक वापसी और तनाव में कमी आने के बाद, दोनों देशों ने आर्थिक मोर्चे पर बर्फ पिघलाने का मन बनाया। सूत्रों की मानें तो वांग यी के दो दिवसीय भारत दौरे के दौरान उन्होंने जयशंकर को भरोसा दिलाया कि चीन अब इन तीन सेक्टर्स में भारत की जरूरतों को पूरा करेगा। इतना ही नहीं, इन वस्तुओं की शिपमेंट भी पहले ही शुरू की जा चुकी है।
क्यों लगा था बैन?
यह पाबंदियां भारत-चीन के बीच बढ़ते सुरक्षा तनाव और राजनीतिक अविश्वास के चलते लगाई गई थीं। चीन ने कई संवेदनशील प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी सामान पर रोक लगा दी थी। इससे भारत की कृषि, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री को भारी झटका लगा।
- कृषि क्षेत्र के लिए जरूरी डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) जैसे फर्टिलाइज़र अचानक प्रभावित हो गए थे।
- मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए जरूरी टनल बोरिंग मशीनें चीन की इकाइयों से आती थीं, लेकिन इनकी सप्लाई अटक गई थी।
- वहीं ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर Rare Earth Magnets और मिनरल्स की कमी से जूझ रहे थे।
बैन हटने से किसे मिलेगा फायदा?
अब जब चीन ने भारत के लिए ये दरवाजे खोल दिए हैं, तो कई सेक्टर्स सीधा लाभ उठाएंगे:
✅ कृषि क्षेत्र – फर्टिलाइज़र पर बैन हटने से किसानों को सबसे बड़ी राहत मिलेगी। भारत जो 80% स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स (Water-Soluble, Micro-Nutrients, Nano और Bio-Stimulants) चीन से आयात करता है, वह दोबारा उपलब्ध होगा। अनुमान है कि 1.5-1.6 लाख टन फर्टिलाइज़र की नई आपूर्ति रबी सीजन को प्रभावित होने से बचाएगी।
✅ EV और ऑटो सेक्टर – Rare Earth Magnets की सप्लाई बहाल होने से इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोन, डिफेंस इक्विपमेंट और विंड टर्बाइन्स के उत्पादन को गति मिलेगी। देश की बड़ी कंपनियां जैसे TVS Motor, बजाज ऑटो और मारुति सुजुकी इस राहत से सबसे ज्यादा फायदा उठाएंगी।
✅ इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स – हाई-स्पीड रेल जैसे मेगा प्रोजेक्ट अब बिना रुकावट आगे बढ़ पाएंगे। टनल बोरिंग मशीन की सप्लाई दोबारा शुरू होने का मतलब है कि मेट्रो प्रोजेक्ट्स से लेकर रेलवे कॉरिडोर तक में तेजी आएगी।
नई दिशा की शुरुआत?
भारत और चीन के बीच यह नरमी इशारा करती है कि दोनों अब रिश्तों को महज सीमा विवाद तक सीमित नहीं रखना चाहते। यह कदम भले ही “आर्थिक मजबूरी” से उठा हो, लेकिन इससे उद्योग जगत और किसानों को तत्काल राहत मिलेगी। सवाल यह है कि क्या यह नरमी लंबे वक्त की दोस्ती में बदलेगी या फिर यह महज अस्थायी व्यापारिक सौदा है।