
नई दिल्ली। वेब सीरीज में बढ़ते नशे के प्रयोग और प्रचार को लेकर केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform) को चेतावनी जारी की है। मनोरंजन का मोबाइल साधन बने इन प्लेटफार्म पर अगर चेतावनी या डिस्क्लेमर दिए बिना मुख्य अभिनेता और अन्य कलाकार अनजाने में ही नशे का प्रचार, महिमामंडन या ऐसा कुछ करते पाए गए, तो नियामक जांच शुरू की जा सकती है।
मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को दी चेतावनी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा ओटीटी प्लेटफार्म को जारी सलाह में कहा गया है। इस तरह के दृश्य दिखाने से विशेषरूप से छोटे और जल्द प्रभावित होने वाले दर्शकों में इसका संभावित असर पड़ने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ओटीटी प्लेटफार्म के लिए आचार संहिता का हवाला देते हुए नशीली चीजों के ²श्य दिखाने को लेकर कंटेंट की समीक्षा में उचित समझदारी के साथ डिस्क्लेमर और चेतावनी जारी करने के लिए भी कहा गया है। मंत्रालय ने कहा- जनहित में ओटीटी प्लेटफार्म को चाहिए कि वे स्वेच्छा से इन दिशानिर्देशों का पालन करें। इनका पालन ना करने पर नियामक जांच शुरू हो सकती है,
जो कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 और नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) 1985 की धाराओं के अंतर्गत होगी। ओटीटी प्लेटफार्म के लिए जारी आचार संहिता में बताया गया है कि अगर कोई सामग्री किसी भी कानून के तहत या किसी न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित है, तो कोई भी प्रकाशक इसे प्रसारित, प्रकाशित या प्रदर्शित नहीं करेगा। इन दिशानिर्देशों को ओटीटी प्लेटफार्म के स्व-नियामक निकायों को भी भेजा गया गया है।
ओटीटी पर नहीं कोई सेंसर
मौजूदा समय में सिल्वर स्क्रीन्स के अलावा ओटीटी पर फिल्में और वेब सीरीज के शौकीन लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। जिनमें अश्लील दृश्य और नशे के सीन्स को भी भर-भर के दिखाया जाता है। अब इनको लेकर केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म और सीरीज के लिए कोई सेंसर बोर्ड नहीं होता है।
फोटो क्रेडिट- नेटफ्लिक्स
जिसकी वजह से मेकर्स के पास ये आजादी रहती है कि वह किसी तरह के दृश्य और कंटेंट को परोस सकते हैं। अब जब ओटीटी पर नशे के प्रचार-प्रसार पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लगाम लगाने का रुख अपनाया है तो वो दिन दूर नहीं, जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी सेंसर बोर्ड भी आ सकता है।