सेहत के लिए हानिकारक हो सकती बीपी की दवाएं, रिसर्च में हुआ खुलासा “ • ˌ

अगर आप हाई ब्लड प्रेशर की दवा ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो सतर्क हो जाएं. इससे आपकी किडनी और लिवर जल्द ही जवाब दे सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले निकाय भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) ने कहा है. बीटा-ब्लॉकर्स, (अनियमित दिल की धड़कन और हाई बीपी ) सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को आमतौर पर दी जाने वाली दवाएं हैं, यह शरीर में पोटेशियम का लेवल कम होने का कारण बन सकती हैं. हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बीटा-ब्लॉकर्स के कारण होने वाला हाइपोकैलिमिया एक गंभीर समस्या है, लेकिन भारत में अभी इस तरह के केस बहुत कम सामने आए हैं.

दवाओं की शक्ति और शुद्धता के मानक प्रदान करने वाली संस्था आईपीसी ने अपने नवीनतम अध्ययन में कहा कि बीटा-ब्लॉकर्स हाइपोकैलेमिया (कम पोटेशियम स्तर) जैसी दवाओं का अधिक सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह है.

दवाओं से होने वाले साइडइफेक्ट पर डालें नजर

इस अध्ययन में बताया गया कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को इन दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट पर भी नजर डालना चाहिए. इसमें कहा गया है, “यदि ऐसी दवाओं से मरीज को नुकसान होता है तो तत्काल रूप से राष्ट्रीय समन्वय केंद्र (एनसीसी) को रिपोर्ट करें. पीवीपीआई सरकार का एक एक ऑटोनॉमस बॉडी है जो रोगी सुरक्षा में सुधार के लिए दवा की क्वालिटी और उससे होने वाले साइडइफेक्ट्स की निगरानी करता है.

बुजुर्गों और यूरिन से संबंधित मरीजों के लिए खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि हाइपोकैलिमिया अनियमित दिल की धड़कन, अचानक धड़कन और अन्य जानलेवा जटिलताओं का कारण बन सकता है, लेकिन हम इसे अक्सर नहीं देखते हैं.” हालांकि, उन्होंने बुजुर्गों और यूरिन से संबंधित मरीजों को बीटा-ब्लॉकर्स की दवाएं लेते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है.

हाई ब्लडप्रेशर वाले मरीजों के लिए सबसे पहले बीटा-ब्लॉकर्स की दवाएं नहीं चलानी चाहिए. उन्होंने आईपीसी अध्ययन पर बोलते हुए कहा कि जो मरीज इस बीमारी के लिए दवा ले रहे हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. संस्था ने अपने अध्ययन में इसके लिए सिर्फ अगाह किया है. बीटा-ब्लॉकर लेने वालों में हाइपोकैलिमिया के मामले बहुत ही कम देखे गए हैं,

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