
बक्सर जिले के सिमरी दियारा क्षेत्र से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले तक एक अनोखी और साहस भरी शादी की बारात पहुंची, जो घोड़ों या गाड़ियों के बजाय नाव पर सवार होकर आई। गंगा नदी की बाढ़ से पूरी सड़क मार्ग जलमग्न होने के बावजूद, न शादी टली और न ही रिश्ते की डोर कमजोर पड़ी।
हालात के बीच दूल्हा और बाराती गंगा के उफनते जल को पार करते हुए नौका से दुल्हन के गांव बेयासी पहुंचे। बाढ़ की मार झेलते हुए दोनों परिवारों ने तय समय पर शादी की सभी रस्में पूरी कीं, जिससे स्थानीय लोगों में खुशी और गर्व की लहर दौड़ गई।
दूल्हे के पिता कमलेश राम ने बताया कि शादी की तारीख पहले से तय थी, और बाढ़ की आशंका थी, लेकिन इस तरह के हालात का अंदाज़ा नहीं था। इसके बावजूद परिवारों ने मुट्ठी बांधकर, प्रेम और साहस के साथ शादी का आयोजन किया।
स्थानीय लोग इस अनोखी बारात को प्रेरणा और प्रेम का प्रतीक मानते हुए उमड़े और इस घटना को बाढ़ के बीच मानवता की जीत बताया। यह शादी साबित करती है कि कठिनाइयां भी रिश्तों की ताकत को कम नहीं कर सकतीं।