बिहार चुनाव: शहाबुद्दीन के गढ़ सीवान में आज सीएम योगी, जिन सीटों पर चलेंगे शब्दबाण वहां के क्या समीकरण

बिहार चुनाव: शहाबुद्दीन के गढ़ सीवान में आज सीएम योगी, जिन सीटों पर चलेंगे शब्दबाण वहां के क्या समीकरण

सीएम योगी आदित्यनाथ आज बिहार का दौरा करेंगे

बिहार में विधानसभा चुनाव अब जोर पकड़ चुका है. पहले चरण के लिए अब अगले हफ्ते (6 नवंबर) वोटिंग होनी है. ऐसे में चुनावी रैली जोर पकड़ती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेता बिहार में वोटर्स को रिझाने की कोशिश में जुट चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बिहार में चुनावी रैली कर रहे हैं. आज उनकी 3 जगहों पर रैली है जिसमें वो सीवान जिला भी शामिल है जो कभी डॉन मोहम्मद शहाबुद्दीन का गढ़ हुआ करता था.

सीएम योगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्टार प्रचारकों में से एक हैं. अन्य राज्यों की तरह वह बिहार में भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद सीएम योगी की आज की पहली जनसभा होगी. हालांकि इससे पहले 16 अक्टूबर को उनकी बिहार चुनाव में एंट्री हो गई थी. तब वह राजधानी पटना के दानापुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के प्रत्याशी रामकृपाल यादव के समर्थन में आए और जनसभा भी की थी.

दानापुर से विपक्ष पर किया करारा वार

सिर्फ दानापुर ही नहीं सीएम योगी मुस्लिम बहुल जिला सहरसा भी गए, जहां उन्होंने डॉक्टर आलोक रंजन झा के समर्थन में जनसभा की. सहरसा कोशी-सीमांचल बेल्ट से सटा एक जिला है, जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या ज्यादा है. हिंदुत्व के मुद्दे पर वोटर्स को साधने की बीजेपी की कवायद के बीच सीएम योगी आज फिर से बिहार के दौरे पर हैं.

पटना के बाहरी इलाके दानापुर में सीएम योगी ने जनसभा के दौरान महागठबंधन पर तीखा हमला बोला था और यह आरोप भी लगाया कि आरजेडी, कांग्रेस और उनके अन्य सहयोगी दल पोलिंग सेंटर्स पर बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान करने से संबंधित चुनाव आयोग के निर्देशों का विरोध कर विकास बनाम बुर्के की नई शरारत कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर घुसपैठियों के जरिये फर्जी मतदान करवाने की मंशा रखने का आरोप भी लगाया. सहरसा में भी रैली के दौरान महागठबंधन पर हमला किया था.

यूपी से सटे 3 जिलों पर सीएम का फोकस

सीएम योगी आज बिहार में 3 जगहों पर चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. शुरुआत सीवान जिले की रघुनाथपुर क्षेत्र से करेंगे. यह जिला डॉन से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन के वजह से काफी चर्चित रहा है. वह यहां की जीरादेई सीट से विधायक चुने गए फिर 4 बार सीवान संसदीय सीट से सांसद भी बने. इस बार शहाबुद्दीन के बेटे यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने उसके बेटे ओसामा को मैदान में उतारा है.

रघुनाथपुर के अलावा सीएम योगी भोजपुर जिला जाएंगे और वह यहां की शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. उत्तर प्रदेश में वापसी करते हुए उनकी तीसरी सभा बक्सर में होगी. सीवान, भोजपुर और बक्सर तीनों ही जिले उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हुए हैं.

सीवान उत्तर प्रदेश से सटा हुआ जिला है और यह शहर सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर से महज तीन-साढ़े तीन घंटे की दूरी पर है. इन इलाकों में सीएम योगी की हिंदुत्व वाली छवि काफी लोकप्रिय है. सीवान के जिस रघुनाथपुर सीट में वह चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं, वहां से एनडीए की ओर से मैदान में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रत्याशी विकास कुमार सिंह अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं. उनके सामने आरजेडी ने शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहाब को खड़ा किया है.

कभी शहाबुद्दीन का गढ़ था सीवान

बिहार के सीवान में 1990 के दशक में शहाबुद्दीन का सिक्का चलता था और जब यहां पर लालू राज शुरू हुआ तो उसका दबदबा और भी बढ़ता चला गया. बताया जाता है कि शहाबुद्दीन के गढ़ में कोई भी विपक्षी दल अपना झंडा लगाने से डरता था. उसने ज्यातादर चुनाव जेल में रहकर लड़ा और जीत भी हासिल की. उसे किसी भी चुनाव में शिकस्त नहीं मिली.

हालांकि उस पर बूथ कैप्चरिंग करने और वोटों में हेर-फेर करने के आरोप लगे. मर्डर समेत कई आपराधिक मामलों की वजह से 2008 में उस पर चुनाव लड़ने से रोक लगा दी गई. ऐसे में उसकी पत्नी हिना शाहाब ने पति की कमी दूर करने की कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली. वह 3 बार चुनाव में उतरी लेकिन हर बार उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा. अब आरजेडी ने शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा पर दांव लगाया है. देखना होगा कि लंदन से पढ़ाई पर सीवान लौटे वह अपने वोटर्स पर कितना भरोसा बना पाते हैं.

सीवान में एनडीए की हालत अच्छी नहीं

अगर सीवान की बात करें तो इस जिले में भी मुस्लिम वोटर्स की संख्या ठीक-ठाक है. 2011 की जनगणना में यहां पर 18 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी रहती है. लोकसभा चुनाव में सीवान से 16 में से 8 बार मुस्लिम प्रत्याशियों को ही जीत मिली है, इसमें चार बार यूसुफ और चार बार शहाबुद्दीन के खाते में जीत गई हैं. जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं. यहां पर 2020 के चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था. तब एनडीए के खाते में 2 सीटें गई थीं जबकि 6 सीटों पर महागठबंधन ने कब्जा जमाया था.

इन 8 में से दुरौंधा और गोरेयाकोठी सीट ही ऐसी हैं जहां पर बीजेपी को जीत मिली थी. जबकि 3 सीटों पर आरजेडी, 2 सीटों पर सीपीआई-एमएल-एल और एक पर कांग्रेस को जीत मिली थी. रघुनाथपुर सीट आरजेडी के खाते में गई थी. इस बार आरजेडी ने यहां से 2 बार के विधायक हरिशंकर यादव का टिकट काटकर ओसामा को मैदान में उतारा है.

8 में से 3 सीटों पर मिली करीबी शिकस्त

हालांकि पिछले चुनाव में यहां की कई सीटों पर कांटेदार मुकाबला हुआ था. 8 में से 3 सीटों (सीवान, महाराजगंज और बरहरिया) पर एनडीए को 4 हजार से भी कम वोटों के अंतर से हार मिली थी. सीवान में 1,973, महाराजगंज में 1,976 और बरहरिया में 3,559 मतों के अंतर से एनडीए हारा था. जबकि कुल 6 सीटों पर हार-जीत का अंतर 12 हजार वोटों का रहा था.

भोजपुर में भी एनडीए का खराब प्रदर्शन

सीवान के बाद सीएम योगी का अगला कारवां भोजपुर जिला होगा. वामपंथ का गढ़ कहे जाने वाला यह जिला भी एनडीए के लिए दुःस्वप्न की तरह है, यहां की 7 में से सिर्फ 2 सीटों पर ही एनडीए को जीत मिली, बाकी 5 सीट महागठबंधन के खाते में गए थे. हालांकि पिछले साल हुए उपचुनाव में तरारी सीट बीजेपी ने महागठबंधन से झटक ली थी. इस तरह से अब एनडीए के पास भोजपुर में 3 सीटें हो गई हैं.

इसी तरह भोजपुर जिले की 2 सीटों (आरा और बड़हरा) पर भी 2020 के चुनाव में कांटेदार मुकाबला हुआ था. बीजेपी ने आरा में 3,002 वोटों तो बड़हरा में 4,973 मतों के साथ संघर्षपूर्ण जीत हासिल की थी. तरारी सीट पर सीपीआई-एमएल-एल को 2020 में जीत मिली थी, लेकिन 2024 के उपचुनाव में बीजेपी ने यह सीट झटक ली थी. साथ ही जिन 4 सीटों पर महागठबंधन को जीत मिली वो बड़े अंतर वाली जीत रही और यहां पर एनडीए के लिए सेंध लगाना आसान नहीं होगा.

बक्सर जहां एनडीए का नहीं खुला खाता

सीएम योगी उत्तर प्रदेश लौटने के क्रम में बक्सर जिले में चुनाव प्रचार करने जाएंगे. यह जिला तो एनडीए के लिए उन 8 जिलों में शुमार है जहां उसका खाता तक नहीं खुल पाया था. बक्सर की चारों सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं. जिले की बक्सर विधानसभा सीट (3,892) छोड़ दी जाए तो अन्य तीनों सीट पर हार-जीत का अंतर काफी रहा था और 21 हजार से अधिक मतों के अंतर से महागठंधन ने जीत हासिल की थी.

बिहार में आज के 3 जिलों से पहले सीएम योगी ने पटना और सहरसा का दौरा किया था. पटना में 14 में से 5 सीटें ही एनडीए के खाते में आई थीं और 9 सीटों पर महागठबंधन का परचम लहराया था. हालांकि सहरसा में एनडीए की स्थिति थोड़ी ठीक रही क्योंकि यहां की 4 में से 3 सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा और 1 सीट ही महागठबंधन के खाते में गई थी. सीएम योगी ने पटना के दानापुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव के समर्थन में दौरा किया था और फिर यहां से सहरसा में पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर आलोक रंजन झा के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *