
बिहार में कब आएगा Exit Poll Survey
बिहार में पहले चरण के विधानसभा चुनाव के लिए चल रहा चुनाव प्रचार आज मंगलवार शाम थम जाएगा. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोटिंग कराई जाएगी. जबकि शेष दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. राज्य में वोटिंग की प्रक्रिया खत्म होने से पहले एग्जिट पोल 2025 सर्वे जारी नहीं किए जा सकते हैं. इस संबंध में चुनाव आयोग अपनी ओर से सख्त निर्देश भी जारी कर चुका है, उसके मुताबिक, वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होने से खत्म होने तक एग्जिट पोल सर्वे और उनके रिजल्ट जारी नहीं किए जा सकते हैं.
राज्य में सत्तारुढ़ एनडीए और महागठबंधन के बीच जोरदार चुनावी मुकाबला चल रहा है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम जैसे कई दल भी चुनाव मैदान में जोर-आजमाइश कर रहे हैं. तेजस्वी यादव की अगुवाई में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) महागठबंधन को फिर से सत्ता में लाने की कवायद में लगी है. जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) जैसे दल अपनी सत्ता बचाए रखने में जुटे हैं.
दूसरे चरण की वोटिंग के बाद ही सर्वे
वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद 14 नवंबर को काउंटिंग कराई जाएगी. लेकिन परिणाम आने से पहले राज्य में वोटर्स का मिजाज क्या है, यह एग्जिट पोल सर्वे में पता चल जाएगा. दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर शाम 5 बजे खत्म होगी. ऐसे में एग्जिट पोल सर्वे 11 नवंबर शाम 6.30 बजे के बाद ही प्रसारित किया जाएगा. टीवी9 भारतवर्ष पर भी एग्जिट पोल सर्वे की रिपोर्ट दिखाई जाएगी.
हालांकि चुनाव आयोग पहले ही सभी मीडिया प्लेटफॉर्म और प्रसारकों को एडवाइजरी जारी कर निर्देश दे चुका है कि एग्जिट पोल सर्वे के परिणाम 11 नवंबर की शाम 6.30 से पहले जारी नहीं किए जा सकते. पिछले कई चुनावों की तरह सी-वोटर्स, जन की बात, चाणक्य, एक्सिस माई इंडिया जैसी कई कंपनियां अपने-अपने सर्वे रिपोर्ट जारी कर सकती हैं.
एग्जिट पोल को लेकर ECI के क्या निर्देश
बिहार में चुनाव को लेकर आयोग ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे. निर्देश में आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुवार (6 नवंबर) को सुबह 7 बजे से मंगलवार (11 नवंबर) को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए किसी भी तरह के एग्जिट पोल और उनके रिजल्ट का जारी नहीं किए जा सकते हैं.
आयोग के अनुसार, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का उल्लंघन करने पर 2 साल तक की जेल या जुर्माने या फिर दोनों से दंडित किया जा सकता है. साथ ही आयोग ने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद अगले 48 घंटे तक किसी तरह का प्रचार-प्रसार अवैध है.




