आधार कार्ड धारकों के लिए बड़ी खबर: अब लाइन में लगने की जरूरत खत्म!

आधार कार्ड धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब आपको आधार कार्ड अपडेट करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने ऐलान किया है कि नवंबर 2025 से ज्यादातर आधार अपडेट अब घर बैठे ऑनलाइन हो सकेंगे। सिर्फ फोटो और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए ही आपको आधार सेंटर जाना होगा। आइए जानते हैं इस नई सुविधा के बारे में सबकुछ!

घर बैठे आधार अपडेट की सुविधा

अब लंबे इंतजार का झंझट खत्म! UIDAI ने फैसला किया है कि नवंबर से आधार कार्ड की ज्यादातर जानकारी आप घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपडेट कर सकेंगे। इसके लिए फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल होगा, जो आपकी पहचान को पूरी तरह सुरक्षित तरीके से वेरिफाई करेगा। UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि यह प्रक्रिया न सिर्फ आसान है, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी है। इससे पहचान की चोरी जैसी समस्याओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।

आधार के इस्तेमाल को और बढ़ाने की तैयारी

UIDAI आधार ऑथेंटिकेशन को और तेजी से बढ़ाने की योजना बना रहा है। अभी हर दिन करीब 9 करोड़ आधार ऑथेंटिकेशन हो रहे हैं, लेकिन UIDAI का लक्ष्य है कि इसे बढ़ाकर 20 करोड़ प्रतिदिन किया जाए। इसके अलावा, आधार कार्ड का इस्तेमाल अब और भी कई जगहों पर होगा, जैसे रेलवे टिकट खरीदने में। बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए स्कूलों में विशेष कैंप भी लगाए जाएंगे, ताकि माता-पिता को परेशानी न हो।

आधार के दुरुपयोग पर सख्ती

आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए UIDAI ने बड़ा कदम उठाया है। मृत लोगों के आधार कार्ड को निष्क्रिय किया जा रहा है ताकि सरकारी योजनाओं या सब्सिडी का दुरुपयोग न हो। अब तक 1.2 करोड़ से ज्यादा मृत लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय किए जा चुके हैं। यह कदम सरकारी योजनाओं को और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।

आधार की स्थिति और डेटा की सुरक्षा

भारत में अब तक 1.42 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। UIDAI ने साफ किया है कि आधार कार्ड नागरिकता का सबूत नहीं है, जैसा कि आधार एक्ट की धारा 9 में स्पष्ट है। इसके साथ ही, आधार डेटा की सुरक्षा के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं। UIDAI का कहना है कि कंपनियों को आधार डेटा केवल भारत में ही स्टोर करना होगा। अच्छी बात यह है कि अब तक आधार डेटा का कोई लीक नहीं हुआ है, और इसके डेटा प्रोटेक्शन नियम अन्य कानूनों से कहीं ज्यादा सख्त हैं।

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