
सोनम वांगचुक, राष्ट्रपति मुर्मू
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर बिना शर्त रिहाई की मांग की है. उन्होंने अपने पति की एनएसए के तहत गिरफ्तारी को अनुचित बताया है और बिना शर्त रिहाई की मांग की है. लेटर की कॉपी पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजी गई है. राष्ट्रपति को लिखे इस पत्र में गीतांजलि ने कहा एक आदिवासी होने के नाते आप लद्दाख के लोगों की भावनाओं को बेहतर समझ सकती हैं. उन्होंने कहा कि 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा में सोनम का कोई हाथ नहीं था.
गीताजलि ने कहा कि सोनम ने खुद हिंसा की निंदा की थी. सरकारी कार्रवाई पर आरोप लगाते हुए गीतांजलि ने कहा कि पिछले 4 साल से केंद्र सरकार लद्दाख आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. गीतांजलि ने FCRA लाइसेंस रद्द करने और पाकिस्तानी लिंक जैसे आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया. सोनम पर NSA के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जोधपुर जेल में रखा गया है.
I have sent this representation for the immediate release of Shri Sonam Wangchuk to the President of India, Prime Minister of India, Home Minister, Law Minister of India, and the LG of Ladakh, with a cc to DC Leh. pic.twitter.com/6Y0xa46sNK
— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 1, 2025
सोनम किसी के लिए भी खतरा नहीं बन सकते- गीतांजलि
अपने पति को लेकर गीतांजलि ने कहा कि वांगचुक एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो किसी के लिए भी खतरा नहीं बन सकते. अपने देश के लिए तो बिल्कुल नहीं. उन्होंने आगे कहा कि सोनम ने अपना जीवन लद्दाख की धरती के वीर सपूतों की सेवा में समर्पित कर दिया है और हमारे महान राष्ट्र की रक्षा में भारतीय सेना के साथ एकजुटता से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि सोनम ने भारतीय सेना के जवानों के लिए शेल्टर होम्स बनाए ताकि वे सही से नींद ले सकें और प्रभावी ढंग से लड़ सकें. गीतांजलि ने कहा कि लद्दाख की धरती के सपूत के साथ इतना बुरा व्यवहार न केवल पाप है, बल्कि एकजुटता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के साथ मजबूत सीमा निर्माण की दिशा में एक रणनीतिक भूल भी है.
गीतांजलि ने दावा किया कि उन्हें अपने पति से फोन पर बात करने की भी इजाजत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि मुझे अपने पति की हालत के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है. मुझे यह भी बताया गया था कि अधिकारी मुझे मेरे कानूनी अधिकार समझाएंगे लेकिन आज तक वह भी नहीं दिया गया. 24 सितंबर को लद्दाख में प्रदर्शन हिंसक हो गया. इसमें 4 लोग मारे गए. इसके बाद सोनम के NGO का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया. इसके अलावा और भी कार्रवाई की गई. सोनम को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया.