
बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था ने लगाया ब्लड कैंप
बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था (Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha, BAPS) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ भाव से, संगठित और मानवता की गहराइयों से प्रेरित हो. चाहे वह भूकंप का कहर हो, अकाल की मार हो, रेल हादसे की त्रासदी हो, या फिर रूस औऱ यूक्रेन के बीच युद्ध जैसी मानवीय संकट की स्थिति हो- हर बार बीएपीएस ने साहस, करुणा और अनुशासन के साथ समाज सेवा का इतिहास रचा है.
हाल ही में मुंबई, नासिक और पुणे में आयोजित रक्तदान शिविरों ने सेवा और मानवता की इस ज्योति को और मजबूत बना दिया. इन अभियानों के जरिए 11,47,600 सीसी रक्त एकत्रित किया गया, जो न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि जीवन बचाने के नायाब संकल्प का प्रतीक है.
परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से हजारों स्वयंसेवक और श्रद्धालु इस पुण्य कार्य में शामिल हुए. संस्था ने रक्तदान को सिर्फ चिकित्सकीय सहायता नहीं, बल्कि आत्मा की सर्वोच्च सेवा घोषित किया है क्योंकि यह रक्त वह अनमोल तत्व है, जिसे न कोई लैब बना सकता है, न ही कोई तकनीक.
बीएपीएस के स्वयंसेवक- सेवा की धड़कन
बीएपीएस के हजारों स्वयंसेवक इस मुहिम का हिस्सा बनते रहे हैं और वे आंदोलन की आत्मा हैं. उनका अनुशासन, विनम्रता और तत्परता, संस्था की सेवा भावना का जीता-जागता उदाहरण है. SBTC के निदेशक श्री पुरी और महात्मा गांधी ब्लड बैंक निदेशक डॉक्टर किशोर कुमार झा के मार्गदर्शन में हुए इस शिविर ने यह साबित किया कि जब संगठन, सद्भाव और समर्पण मिलते हैं, तो सेवा आंदोलन समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है.
दो साल पहले अहमदाबाद में परमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह के दौरान महज 30 दिनों के अंदर 59 लाख सीसी रक्त संग्रह किया गया जो इस विश्वस्तरीय सेवा-संकल्प का गौरवशाली उदाहरण है. बीएपीएस के 55,000 से अधिक स्वयंसेवक हर साल 1.5 करोड़ से अधिक सेवा घंटे समर्पित करते हैं, जिसमें महिला स्वयंसेवकों की भी खास भागीदारी रहती है. बीएपीएस की यह निरंतर सेवा न केवल हिंदू समाज बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए अनुकरणीय प्रेरणा बन चुकी है.
मेडिकल सर्विस, आधुनिकता और करुणा का संगम
बीएपीएस संस्था अपनी सामाजिक सेवाओं के साथ-साथ मेडिकल के क्षेत्र में भी शानदार काम कर रही है. बीएपीएस चैरिटीज़ के जरिए हर साल लाखों लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं. ग्रामीण, आदिवासी और शहरी क्षेत्रों तक मदद पहुंचाने के लिए मोबाइल क्लीनिक्स और डायग्नोस्टिक कैंप संचालित किए जाते हैं.
हाल ही में गुजरात स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर से दो नए मेडिकल वैनों का उद्घाटन हुआ, जिससे अब संस्था के 14 मोबाइल मेडिकल क्लीनिक्स एक्टिव हो चुके हैं. ये वैन दूरदराज के क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार, विशेषज्ञ परामर्श और आपातकालीन सेवाएं पहुंचाने में अहम भूमिका हैं. कोविड-19 महामारी के समय बीएपीएस ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मास्क, और त्वरित चिकित्सा सहयोग प्रदान कर मानवता की रक्षा की. स्वयंसेवक चिकित्सकों ने निःशुल्क परामर्श और मानसिक सहायता देकर हजारों परिवारों को खासी राहत पहुंचाई.
बीएपीएस के अस्पताल- सेवा के मंदिर
देश में बीएपीएस के 6 प्रमुख अस्पताल समाज की स्वास्थ्य सेवा में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. इसमें सूरत का श्री परमुख स्वामी महाराज अस्पताल, अहमदाबाद का योगिजी महाराज अस्पताल, वडोदरा के अतलदरा स्थित शास्त्रिजी महाराज अस्पताल, बोताड के परमुख स्वामी स्वास्थ्य केंद्र, डाभोई का परमुख स्वामी महाराज अस्पताल और मुंबई के परमुख स्वामी नेत्र अस्पताल शामिल हैं.
इसके अतिरिक्त चांसद में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 14 मोबाइल क्लीनिक्स आदिवासी क्षेत्रों में निर्बाध रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ये अस्पताल अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ चिकित्सकों से सुसज्जित हैं, जो न्यूनतम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराते हैं. खासतौर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए ये अस्पताल वरदान सिद्ध हो रहे हैं.
सेवा ही साधना और मानवता ही धर्मः महंत स्वामी महाराज
कोविड-19 के दौरान बीएपीएस अस्पतालों ने ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदान कर बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगी बचाई. इस तरह से बीएपीएस के अस्पताल न सिर्फ चिकित्सा संस्थान बल्कि मानवता के जीवंत तीर्थ हैं.
इस अवसर पर रक्तदान करने आए फिल्म अभिनेता और तारक मेहता का उल्टा चश्मा के जेठालाल यानी दिलीप जोशी ने कहा, “BAPS के ब्लड डोनेशन कैंप में, हर बूंद में छिपी है जिंदगी की नई रोशनी. मानवता की लहर उठाने का मजबूत संकल्प. हर दान, एक नई आस की उड़ान लिए हुए हैं. दिलों का संगम, जिंदगी को नया सम्मान देता है. आइए, BAPS के साथ उम्मीद के वाहक बनें.”
महंत स्वामी महाराज का कहना है, “बीएपीएस संस्था की यह मूल भावना आज दुनियाभर में सेवा, एकता और सद्भाव का प्रेरक संदेश दे रही है. समाज, देश और मानवता के प्रति इस अटूट समर्पण की भावना ने ही बीएपीएस को ग्लोबल स्तर पर सेवा के आदर्श के रूप में प्रतिष्ठित किया है.”