
वनडे क्रिकेट पर बड़ा बयान (फोटो-पीटीआई)
पूर्व इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली ने 50 ओवर के फॉर्मेट को लेकर चिंता व्यक्त की है और इसे ‘मरा हुआ’ करार दिया है. चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल से पहले उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों को फायदा पहुंचाने वाले ‘खराब नियमों’ के कारण ये फॉर्मेट धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी T20 लीग्स में फ्रीलांसिंग की ओर बढ़ रहे हैं. मोईन अली ने इंग्लैंड के लिए 138 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 2,355 रन बनाये और 111 विकेट लिए. इसके अलावा, उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में 3000 से अधिक रन बनाये और 200 से अधिक विकेट हासिल किए. मोईन ने पिछले साल सितंबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था और अब आने वाले आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलेंगे.
50 ओवर के फॉर्मेट का भविष्य खतरे में: मोईन अली
मोईन अली ने Talksport Cricket से बातचीत में कहा, ‘ये फॉर्मेट लगभग पूरी तरह से समाप्त हो चुका है, केवल वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी को छोड़कर. ये खेलने के लिए सबसे खराब फॉर्मेट बन चुका है और इसके कई कारण हैं.’ पहले, पहले पावरप्ले के बाद मैदान पर 5 फील्डर बाहर होते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसे बदलकर 4 कर दिया गया है, जिससे मिडिल ओवर्स में बैटिंग करना आसान हो गया है. इसके अलावा, अब दो नई गेंदों का उपयोग किया जाता है, जो पहले नहीं हुआ करता था, और ये शॉट खेलने को भी आसान बनाता है.
खराब नियमों पर मोईन अली की आलोचना
मोईन अली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि नियम बहुत खराब हैं. पहले पावरप्ले के बाद एक और फील्डर रखना एक भयानक नियम है, क्योंकि इससे विकेट लेना और दबाव बनाना बहुत कठिन हो जाता है. अब वनडे क्रिकेट में खिलाड़ी 60-70 की औसत से खेल रहे हैं, और इसका मुख्य कारण ये है.’ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘जब आप किसी को गेंदबाजी कर रहे होते हैं और उस पर थोड़ा सा दबाव डालते हैं, तो वह रिवर्स स्वीप मार देता है, और ये सिर्फ एक सिंगल नहीं, बल्कि एक चौका बन जाता है. बैटर्स के पास हमेशा ऐसा विकल्प उपलब्ध रहता है.’ दो नई गेंदों के इस्तेमाल का मतलब है कि रिवर्स स्विंग की कमी हो जाती है.
टी20 लीग्स का प्रभाव और खिलाड़ियों का संन्यास
मोईन अली ने ये भी चेतावनी दी कि बहुत से क्रिकेटर्स जल्दी संन्यास ले सकते हैं, क्योंकि T20 लीग्स में मिलने वाला पैसा बहुत आकर्षक होता है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट दुर्भाग्यवश सभी को निगलता जा रहा है, और समस्या ये है कि जो पैसा बाहर है, वह इतना अधिक है कि लोग उसे मना नहीं कर सकते. ये बहुत कठिन है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘शायद कुछ खिलाड़ी अगले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने का फैसला करेंगे.’