
गेट के अंदर से भी कोई रिक्शा रोकने के लिए चिल्ला रहा था। इसके बाद ऑटो ड्राइवर यू-टर्न लेकर वहां चला गया। ड्राइवर ने सैफ को नहीं पहचाना ड्राइवर का कहना है कि उस वक्त उसे समझ में नहीं आया कि यह सैफ अली खान हैं। उन्होंने सफेद कुर्ता और पायजामा पहना हुआ था। उनके शरीर पर घाव थे। पूरा कपड़ा खून से लथपथ था। यह सब देखकर ऑटो ड्राइवर भी हैरान रह गया। सैफ को अस्पताल के इमरजेंसी दरवाजे पर ले जाया गया। अस्पताल के बाहर एंबुलेंस खड़ी थी। उसे एक तरफ कर दिया गया और फिर वहां एक रिक्शा खड़ा कर दिया गया।
‘मैं सैफ अली खान हूं’
अस्पताल पहुंचने के बाद ऑटो ड्राइवर को समझ में आ गया कि यह कोई स्टार है। सोसायटी के दो लोग सैफ को रिक्शा पर लेकर आए थे। उनके साथ कई और लोग भी थे। उनके साथ एक छोटा बच्चा और महिलाएं थीं। सैफ खुद अस्पताल में रिक्शा से उतरते हैं। अस्पताल पहुंचने के बाद सैफ वहां मौजूद स्टाफ से कहते हैं कि मैं सैफ अली खान हूं। इसके बाद वे स्ट्रेचर लाने को कहते हैं।
ड्राइवर ने नहीं लिए पैसे
ड्राइवर ने यह भी बताया कि ऑटो में सैफ के साथ दो लोग बैठे थे। एक छोटा बच्चा और एक वयस्क व्यक्ति था। जब हम नीचे उतरे तो सब कुछ लाल था। हर जगह खून ही खून था। मैंने उन्हें साथ ले जाने के लिए पैसे भी नहीं लिए। ड्राइवर ने कहा कि सैफ को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि वह डरे हुए हैं। सैफ उन दोनों से अंग्रेजी में बात कर रहे थे। ड्राइवर की बातों से लग रहा था कि एक इब्राहिम होगा और दूसरा तैमूर। सैफ की पीठ और गर्दन पर चोटें थीं। उन्हें देखकर लग रहा था कि उनका काफी खून बह गया है।
खैर सैफ अब खतरे से बाहर हैं। लीलावती अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। उन्हें दो दिन में छुट्टी मिल सकती है। डॉक्टर ने उन्हें एक सप्ताह तक आराम करने की सलाह दी है।
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