बांग्लादेश में ‘हिंदुओं पर अत्याचार’! ढाका में दुर्गा मंदिर ‘ध्वस्त’, मूर्तियों को भी नहीं बख्शा, भारत का ‘गुस्सा’ सातवें आसमान पर!

बांग्लादेश की राजधानी ढाका से एक बहुत ही दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. वहां के खिलखेत इलाके में स्थित श्री श्री दुर्गा मंदिर को बुलडोजर से पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है.

सबसे दर्दनाक बात यह है कि मंदिर में स्थापित देवी काली और भगवान शिव की मूर्तियों को भी बेरहमी से तोड़ दिया गया.

यह घटना सिर्फ एक इमारत को गिराना नहीं है, बल्कि इसे सीधे-सीधे हिंदू समुदाय की आस्था, उनकी संस्कृति और उनके अधिकारों पर एक क्रूर हमले के तौर पर देखा जा रहा है.

बांग्लादेश में ‘हिंदुओं पर अत्याचार’! ढाका में दुर्गा मंदिर ‘ध्वस्त’, मूर्तियों को भी नहीं बख्शा, भारत का ‘गुस्सा’ सातवें आसमान पर!

सरकार की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल

इस घटना के पीछे नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. आरोप है कि सरकार ने कट्टरपंथियों को रोकने और मंदिर को सुरक्षा देने के बजाय, इस पूरे मामले को ‘अवैध जमीन पर निर्माण’ का मामला बताकर मंदिर को गिराने की इजाजत दे दी.

आलोचकों का कहना है कि यह एक बहाना था और असल मकसद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाना था. ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह सरकार कट्टरपंथी ताकतों को संदेश दे रही है कि वे अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को निशाना बना सकते हैं.

भारत ने की कड़ी निंदा

भारत ने इस घटना पर बेहद कड़ा रुख अपनाया है और इसकी कड़ी निंदा की है. भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में कहा:

“कट्टरपंथी ताकतें ढाका के खिलखेत में दुर्गा मंदिर को गिराने की मांग कर रही थीं. अंतरिम सरकार ने मंदिर को सुरक्षा देने के बजाय, इस प्रकरण को अवैध भूमि उपयोग का मामला बताया और आज मंदिर को नष्ट करने की अनुमति दे दी. इससे पहले कि मूर्ति को स्थानांतरित किया जाता, उसे नुकसान पहुँचाया गया. यह गंभीर चिंता का विषय है कि बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की यह ज़िम्मेदारी है कि वह हिंदुओं, उनकी संपत्तियों और उनके धार्मिक संस्थानों की रक्षा करे.”

कोई अकेली घटना नहीं

यह कोई पहली या अकेली घटना नहीं है. कुछ ही समय पहले, ‘ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज’ (HRCBM) नाम के मानवाधिकार संगठन ने दिनाजपुर जिले में एक महास्त्री मनसा और दुर्गा मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना को भी उजागर किया था. संगठन ने इसे देश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को आतंकित करने का एक भयावह कृत्य बताया था.

कुल मिलाकर, ढाका में मंदिर का विध्वंस सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का एक स्पष्ट संकेत माना जा रहा है. भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और मानवाधिकार संगठनों की चिंता यह दर्शाती है कि यह मामला कितना गंभीर है और बांग्लादेश सरकार पर अपने अल्पसंख्यक नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भारी दबाव है.