
चुनाव में 85 वर्ष से अधिक आयु के तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान की सुविधा रहेगी। मतदान में आसानी के लिए मतदान केंद्रों पर स्वयंसेवक, व्हीलचेयर तथा रैंप बनाए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को नसीहत भी दी। चुनाव प्रचार में भाषा का ख्याल रखें। महिलाओं के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल न करें।
Election in Delhi 2025: ’13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ’
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। दिल्ली में दो लाख फर्स्ट वोटर हैं।
Delhi Election Date 2025: ‘शक का इलाज किसी के पास नहीं’
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मतदाता मतदान में हेराफेरी का हौवा है। शाम पांच बजे के बाद वीटीर में वृद्धि पर गलत बयानबाजी है। लोकसभा और महाराष्ट्र चुनाव में करोड़ों मतदाताओं के नाम गलत तरीके से जोड़े जाने के आरोप लगे। शक का इलाज किसी के पास नहीं है। वोटिंग पर झूठ के गुब्बारे न उड़ाएं। गड़बड़ी की शिकायत का हम जवाब देंगे। चुनाव को लेकर शंकाओं को खारिज करते हैं। चुनाव हम सबकी साझा विरासत है।
Election in Delhi 2025: ‘EVM से छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं’
मुख्य चुनाव अधिकारी राजीव कुमार ने कहा कि EVM मतगणना के लिए पूर्णतया सुरक्षित हैं। EVM से छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं, हम अब इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते VVPAT प्रणाली वाली EVM मतदान प्रणाली की सटीकता सुनिश्चित करती है। पुराने पेपर बैलट की वापसी अनुचित और प्रतिगामी है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारना है।
Delhi Election Date 2025: ‘टेम्परिंग के आरोप बेबुनियाद हैं’
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि “ईवीएम में अविश्वसनीयता या किसी खामी का कोई सबूत नहीं है… ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है। ईवीएम में अवैध वोट होने का सवाल ही नहीं है। कोई धांधली संभव नहीं है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अलग-अलग फैसलों में लगातार यही कह रहे हैं… और क्या कहा जा सकता है? ईवीएम मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है। टेम्परिंग के आरोप बेबुनियाद हैं। हम अभी बोल रहे हैं क्योंकि चुनाव के समय हम नहीं बोलते।”
Election in Delhi 2025: ‘फॉर्म सात के बिना नाम नहीं हटाया जा सकता’
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि “भारतीय मतदाता बेहद जागरूक हैं। मतदाता सूचियों को लेकर अब भी कहानियां चल रही हैं। करीब 70 चरण हैं। जिसमें राजनीतिक दल और उम्मीदवार हमारे साथ रहते हैं, जितने भी दावे और आपत्तियां आती हैं। उन्हें सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है। फॉर्म सात के बिना नाम नहीं हटाया जा सकता।