
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक सभा के दौरान गुरुवार को बड़ा हंगामा हो गया। आप की ही एक बागी विधायक ने सभा में घुसकर नारेबाजी कर दी। बवाल ऐसा हुआ कि भाषण दे रहे अरविंद केजरीवाल को कुछ पलों के लिए चुप होना पड़ा। दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं में टकराव की नौबत आ गई। हालांकि, पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला। बाद में अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री गुरुवार शाम हरि नगर में पार्टी उम्मीदवार सुरिंदर सेतिया के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे। वह यहां सड़क किनारे एक जगह जनसभा को संबोधित कर रहे थे। तभी वहां अपने समर्थकों के साथ राजकुमारी ढिल्लो पहुंच गईं। गाड़ी की छत पर बैठीं ‘आप’ विधायक ने माइक लेकर केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वह ‘चोर है-चोर है’ चिल्लाने लगीं। उनके समर्थक भी नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामा बढ़ा तो चुप हो गए केजरीवाल
मंच से भाषण दे रहे अरविंद केजरीवाल चुप हो गए और ढिल्लो के हंगामे को देखने लगे। आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। टकराव की नौबत बनने लगी, लेकिन दिल्ली पुलिस के जवानों ने बीच-बचाव करते हुए जल्दी से ढिल्लो के काफिले को वहां से आगे बढ़ा दिया। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण को जारी रखा।
क्यों इतनी नाराज हैं ढिल्लों
राजकुमारी ढिल्लो आम आदमी पार्टी की मौजूदा विधायक हैं। उन्हें पार्टी ने इस बार भी टिकट दिया था, लेकिन नामांकन से ठीक पहले ‘आप’ ने यहां उम्मीदवार बदल दिया। इससे ढिल्लो इतनी आहत हुईं कि उन्होंने बगावत कर दी। ढिल्लो ने आरोप लगाया कि पैसे लेकर उनके बदले दूसरे उम्मीदवार को उतारा गया। ढिल्लो ने कहा कि पार्टी ने एक महीने प्रचार कराने के बाद उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में कूद पड़ीं। वह अपने काम के नाम पर जनता से एक बार फिर मौका मांग रही हैं।
केजरीवाल ने गृहमंत्री पर साधा निशाना
आप प्रमुख ने यह भी दावा किया कि उनकी गाड़ी पर हमला किया गया। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, ‘आज हरि नगर में विपक्षी उम्मीदवार के लोगों को पुलिस ने मेरी जनसभा में घुसने दिया और फिर मेरी गाड़ी पर हमला करवाया। ये सब अमित शाह जी के आदेश पर हो रहा है। अमित शाह जी ने दिल्ली पुलिस को बीजेपी की निजी आर्मी बना दिया है। चुनाव आयोग पर बड़े सवाल उठ रहे हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उसके नेताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और चुनाव आयोग कुछ भी प्रभावी कदम उठाने में असमर्थ है।’