रोहतक। रिटौली गांव में रविवार सुबह करीब 7 बजे घर से खेत की ओर बाइक से जा रहे किसान अनिल को हमलावरों ने रोका और 7 सेकंड मेंं 15 गोलियां मारीं। अनिल गांव से दो किलोमीटर ही निकला था कि दो बाइक से आए तीन हमलावरों ने रास्ता रोका।अनिल संभल भी नहीं पाया कि हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सिर, माथे, छाती, मुंह व पेट में 8 गोलियां लगने से वो मौके पर ही ढेर हो गया।
बाइक के ऊपर एक तरफ पैर लटक गए, दूसरी तरफ सड़क की ओर सिर झुक गया। मुंह से खून निकलने लगा। देखते ही देखते हमलावर मौके से फरार हो गए। वारदात को सात और सवा सात बजे के बीच अंजाम दिया गया। जांच में पुलिस को .32 बोर की गोलियों के सात खोल सड़क के ऊपर तो बाकी आठ के करीब घास व खेतों में मिले। जांच टीम ने उनको कब्जे में लेकर जांच के लिए लैब में भेजा है।
अनिल की हत्या के बाद से रिटौली गांव में खामोशी छाई हुई है। गैंगवार के चलते हुई अनिल की हत्या पर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। वजह, दोनों गैंग गांव से ही हैं, इसलिए लोग इस रंजिश से अपने आपको दूर रखना चाहते हैं। अनिल के घर ग्रामीण सांत्वना देने जरूर पहुंच रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को डर है कि गैंगवार में उनका नाम न सामने आ जाए। अनिल के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि 10वीं पास अनिल खेतीबाड़ी करता था। पुलिस ने गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया है। गांव के बस अड्डे से लेकर गलियों में पुलिस की तरफ से गश्त की जा रही है।
पुलिस से हुई परिजनों की बहस, हमलावरों का एनकाउंटर करो
अनिल की हत्या के बाद परिजनों में गहरा रोष देखने को मिला। पुलिस मौके पर पहुंची तो कई लोगों ने कहा कि पहले हमलावरों का उसी तरह एनकाउंटर करो, जैसे अनिल को मारा है। इसके बादर शव उठाने देंगे। इस बात को लेकर पुलिस से बहस भी हुई। हालांकि पुलिस अधिकारियों के समझाने पर परिजन शव उठाने देने के लिए सहमत हो गए। वहीं पुलिस का मानना है कि जैसे वारदात अंजाम दी गई है, इससे साफ है कि हमलावर कई दिन से अनिल पर नजर रखे थे। उनको पता था कि वह खेत में अकेला जाता है।
कारोर व निंदाना गांव में भी लंबे समय से चल रहा गैंगवार
रिटौली के अलावा जिले के गांव कारोर व निंदाना में भी लंबे समय से गैंगवार चल रहा है। 2001 से कारोर में अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। यहां एक तरफ छाजू तो दूसरी तरफ अनिल छिप्पी गैंग है। दोनों गैंग के अब ज्यादातर सदस्य मारे जा चुके हैं या जेल में हैं। इसके अलावा निंदाना में डीसी व गोदू गैंग के बीच भी रंजिश चल रही है, साथ ही सैमाण व कंसाला में लंबी रंजिश का इतिहास रहा है।