आईपीएल में शराब और तंबाकू के विज्ञापनों पर लग सकता है बैन, DGHS ने चेयरमैन को भेजा पत्र “ • ˌ

Ban on Alcohol and Tobacco Ads in IPL

Ban on Alcohol and Tobacco Ads in IPL : इंडियन प्रीमियर लीग का 18वां संस्करण 22 मार्च से शुरू होने वाला है जो होम एंड अवे फॉर्मेट में खेला जाएगा। सभी टीमें अपनी तैयारियों में जुटी हैं, वहीं इस बीच स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने आईपीएल चेयरमैन को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में आईपीएल के दौरान तंबाकू और शराब के विज्ञापनों और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई है। इस कदम का उद्देश्य खेल के मंच पर इन उत्पादों के प्रचार-प्रसार को नियंत्रित करना है।

पत्र में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत में डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारियां और कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिनके लिए तंबाकू और शराब का सेवन प्रमुख कारण है। तंबाकू से होने वाली मौतों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है, जबकि शराब के कारण हर साल लगभग 14 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय भी खेल टूर्नामेंट के दौरान शराब और तंबाकू के विज्ञापनों पर रोक लगाने की सिफारिश कर चुका है। ऐसे में आईपीएल में इन उत्पादों के प्रचार को लेकर DGHS की चिंता गंभीर मानी जा रही है।

स्टेडियम में बिक्री और प्रचार पर भी रोक की सिफारिश

पत्र में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं, जिनमें आईपीएल मैचों के दौरान स्टेडियम के अंदर और बाहर, साथ ही प्रसारण प्लेटफॉर्म पर तंबाकू और शराब के सभी विज्ञापनों पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग शामिल है। इसके अलावा स्टेडियम और आईपीएल स्थलों पर तंबाकू और शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है।

पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि खेल जगत से जुड़े लोग, जिन्हें युवा आदर्श मानते हैं, किसी भी रूप में शराब और तंबाकू कंपनियों का प्रचार न करें।

IPL में विज्ञापनों से होने वाली बंपर कमाई�

आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग बन चुकी है, जिसकी दीवानगी भारत में चरम पर है। हर मैच के लिए टिकटों की मारामारी रहती है और दर्शकों की संख्या हर साल नए रिकॉर्ड बनाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोस्टार ने आईपीएल 2025 के लिए 4,500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू टारगेट रखा है, जबकि सभी 10 टीमें मिलकर स्पॉन्सरशिप से करीब 1,300 करोड़ रुपये कमा सकती हैं।

हालांकि, आईपीएल मैचों के दौरान तंबाकू जैसे उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं, जो युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इन विवादित विज्ञापनों से भी बीसीसीआई को मोटी कमाई होती है, जिससे यह लीग और भी मुनाफे में रहती है।