TCS के बाद अब Google में भी छंटनी, बिना नोटिस के निकाले गए इतने कर्मचारी

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बाद अब दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google) ने भी छंटनी का फैसला लिया है. इस बार कंपनी ने अपने क्लाउड डिवीजन से करीब 100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. गूगल ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब वह अपनी ऑपरेटिंग कॉस्ट यानी संचालन लागत को कम करने की कोशिश कर रहा है और साथ ही अपनी रणनीति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को ज्यादा अहमियत दे रहा है. कंपनी से निकाले गए कर्मचारी मुख्य रूप से डिज़ाइन और यूज़र एक्सपीरियंस रिसर्च (UX Research) से जुड़े विभागों में काम कर रहे थे. इनकी जिम्मेदारियों में प्रोडक्ट रिसर्च करना, यूज़र डेटा का विश्लेषण करना और नई सुविधाओं के विकास में मदद करना शामिल था.

मुनाफा होने के बावजूद क्यों हो रही है छंटनी?

सबसे हैरानी की बात यह है कि गूगल में यह छंटनी ऐसे वक्त में की गई है, जब उसका क्लाउड डिवीजन लगातार बेहतरीन मुनाफा कमा रहा है. साल 2025 की दूसरी तिमाही में गूगल क्लाउड की कमाई 13.6 अरब डॉलर रही, जो पिछले साल की तुलना में 32 फीसदी ज्यादा है. यही नहीं, इस डिवीजन का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी बढ़कर 2.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

इसके बावजूद, कंपनी का फोकस अब लागत कम करने और संसाधनों के दोबारा बंटवारे पर है. इसी के तहत गूगल उन विभागों और भूमिकाओं में कटौती कर रहा है, जो उसकी नई AI-केंद्रित रणनीति का हिस्सा नहीं हैं. यानी अब कंपनी पुराने कामकाज के तरीकों की जगह AI और नई तकनीकों पर आधारित जिम्मेदारियों को आगे बढ़ा रही है.

AI पर बढ़ा गूगल का फोकस

गूगल ने साल 2025 की शुरुआत से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनी प्राथमिकता बना लिया है. इसी दिशा में कंपनी ने अमेरिका में स्थित कई यूनिट्स में कर्मचारियों को स्वैच्छिक रिटायरमेंट पैकेज देने शुरू किए थे. इसके अलावा, मैनेजमेंट से जुड़े करीब एक तिहाई कर्मचारियों की भी छंटनी कर दी गई. ये पूरी प्रक्रिया बेहद शांत और चरणबद्ध तरीके से की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ कर्मचारियों को अन्य टीमों में ट्रांसफर होने का विकल्प दिया गया, जबकि कई को सीधे नौकरी छोड़ने का नोटिस पकड़ा दिया गया.

बिना नोटिस निकाले गए कर्मचारी

कई पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें न नौकरी जाने की कोई पूर्व सूचना मिली, न ही तैयारी का समय. एक कर्मचारी ने मीडिया से बताया कि वह O-1 वीजा पर अमेरिका में काम कर रहा था. इस वीजा के तहत उसे सिर्फ 60 दिनों के भीतर नई नौकरी ढूंढनी होगी, वरना उसे अमेरिका छोड़ना पड़ेगा.

कंपनी ने कुछ प्रभावित कर्मचारियों को दिसंबर की शुरुआत तक अन्य विभागों में नौकरी के लिए आवेदन करने का मौका दिया है. लेकिन जिस तरह से यह प्रक्रिया चलाई गई, उसकी पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया और टेक इंडस्ट्री के हलकों में इसे लेकर नाराज़गी और चिंता दोनों देखी जा रही है.

पहले भी हो चुकी है छंटनी

यह पहली बार नहीं है जब गूगल ने इतने बड़े पैमाने पर छंटनी की है. मई 2025 में भी कंपनी ने करीब 200 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. अब तक सामने आए मामलों से यह साफ हो चुका है कि गूगल ने कम से कम दो अलग-अलग चरणों में कर्मचारियों की कटौती की है. इन दोनों ही बार कंपनी ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

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