
काले धागे को पैर में बांधने की परंपरा हमारे प्राचीन इतिहास और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी है।
शास्त्रों के अनुसार, पैर में काला धागा बांधने से मनुष्य के जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
आज भी शिशु के जन्म के बाद उसे बुरी नजर से बचाने के लिए काला धागा बांधने की परंपरा कायम है।
काला धागा बांधने के प्रमुख कारण और फायदे
- बुरी नजर से बचाव
- मान्यता है कि काला धागा नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है और व्यक्ति को बुरी नजर से बचाता है।
- इसे बच्चे, बड़ों और यहां तक कि घर के मुख्य दरवाजे पर भी बांधा जाता है।
- शनि दोष से राहत
- काला रंग शनि देव से जुड़ा है।
- काला धागा पहनने से कुंडली में शनि दोष का प्रभाव कम होता है।
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
- खासकर बच्चों में, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, काला धागा बुरी ऊर्जा से रक्षा कर शरीर को मजबूत बनाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
- काला धागा ढाल की तरह काम करता है, जो नकारात्मक एवं अशुभ प्रभावों को अवशोषित कर व्यक्ति की रक्षा करता है।
- वैज्ञानिक दृष्टि से लाभ
- काले रंग में गर्मी और ऊर्जा को अवशोषित करने की क्षमता होती है, जिससे यह हानिकारक प्रभावों से बचाव करता है।
काला धागा बांधने के नियम (ज्योतिष अनुसार)
- काले धागे में 9 गांठ लगाकर ही पहनें।
- जिस हाथ/पैर में काला धागा बंधा है, उस रंग का कोई दूसरा धागा न बांधें।
- केवल शुभ मुहूर्त में ही बांधें, आवश्यकता पड़ने पर किसी ज्योतिषी से सलाह लें।
- पहनने के बाद प्रतिदिन गायत्री मंत्र का एक निश्चित समय पर जाप करें।
- घर के दरवाजे पर नींबू के साथ काला धागा बांधकर नकारात्मक ऊर्जा को रोका जा सकता है।
🌟 निष्कर्ष:
काला धागा सिर्फ एक परंपरा या फैशन नहीं है, बल्कि यह बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और शनि दोष से बचाने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है। खासकर श्रद्धा और सही नियमों के साथ पैर में बांधा गया काला धागा आपके जीवन में सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक हो सकता है।