
कैसे होता है ये पूरा प्रोसेस?
जब हम भोजन करते हैं तो वह हमारे शरीर में कई चरणों से गुजरता है और अंततः ऊर्जा या फैट में परिवर्तित हो सकता है। सबसे पहले भोजन को चबाने के दौरान हमारी लार में मौजूद एमाइलेज नामक एंजाइम भोजन में कार्बोहाइड्रेट को तोड़ना शुरू करता है। इसके बाद भोजन ग्रासनली (इसोफेगस) के माध्यम से पेट में पहुंचता है जहां गैस्ट्रिक जूस इसे छोटे घटकों में तोड़ता है। यह पचा हुआ भोजन फिर छोटी आंत में प्रवेश करता है जहां अधिकांश पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट से ग्लूकोज फैट से फैटी एसिड और प्रोटीन से अमीनो एसिड में बदल जाते हैं। ये पोषक तत्व आंतों की दीवार से ब्लड स्ट्रीम में अवशोषित हो जाते हैं।
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कैसे पहुँचता है खाना पेट तक?
ग्लूकोज शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और कोशिकाओं तक पहुंचता है जहां इसे तुरंत ऊर्जा के लिए उपयोग किया जाता है या लिवर और मांसपेशियों में ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहित किया जाता है। हालांकि जब शरीर को जरूरत से ज्यादा कैलोरी मिलती है और ग्लाइकोजन का भंडारण पहले से भरा होता है तो अतिरिक्त ग्लूकोज लिपोजेनेसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से फैट में बदल जाता है। यह फैट शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे पेट और कमर पर जमा हो जाता है जिससे वजन बढ़ता है।
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कैसे कर सकते है इसपर काबू?
वजन बढ़ने को रोकने और अतिरिक्त फैट कम करने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने कैलोरी सेवन को नियंत्रित करें नियमित व्यायाम करें और प्रोटीन व पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें। पर्याप्त नींद और फिजिकल एक्टिविटी भी वजन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को समझकर हम अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार कर सकते हैं और एक स्वस्थ शरीर की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
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