
हिंदू धर्म में दूर्वा घास को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। यह घास विघ्नहर्ता भगवान गणेश को विशेष प्रिय है और माना जाता है कि बिना दूर्वा के गणेशजी की पूजा अधूरी रहती है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे सभी शुभ कार्यों में दूर्वा का प्रयोग होता है। ‘दूर्वा’ शब्द ‘दुहु’ और ‘अवम’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है – दूर को पास लाने वाला। इस प्रकार, दूर्वा को भगवान गणेश से भक्तों को जोड़ने वाला माना जाता है।
दूर्वा की तीन धारियां आदि शिव, आदि शक्ति और आदि गणेश के सिद्धांतों का प्रतीक मानी जाती हैं। माना जाता है कि इसमें गणेश सिद्धांत को आकर्षित करने की अद्भुत क्षमता होती है, इसलिए यह गणेशजी को अर्पित किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण प्रसाद है। इसके अलावा, दूर्वा के कुछ सरल उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर जीवन में सुख-समृद्धि और आर्थिक स्थिरता प्राप्त की जा सकती है।
अगर आपके घर में धन नहीं टिक रहा हो या आर्थिक संकट बना हुआ हो, तो बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा अर्पित करें। यह उपाय लगातार सात बुधवार करने से शीघ्र ही आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है और घर के भंडार भरने लगते हैं। ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा स्वच्छ स्थान से ही लें।
घर में दूर्वा का पौधा लगाने को भी बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है। अगर लंबे समय से कोई कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है, तो दूर्वा को गाय के दूध में मिलाकर उसका लेप बनाएं और माथे पर तिलक करें। यह उपाय आपकी मनोकामना को जल्द पूरा करने में सहायक होता है। वहीं, परिवार में अपनापन बनाए रखने और सुख-शांति बनाए रखने के लिए बुधवार के दिन गाय को हरी दूर्वा खिलाना भी अत्यंत शुभ माना गया है।