माइग्रेन सिर्फ सिर का दर्द नहीं, बल्कि कई बार यह पेट में भी तेज दर्द का कारण बन सकता है। इसे एब्डॉमिनल माइग्रेन कहा जाता है, और यह विशेष रूप से बच्चों में देखा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसने आज दुनिया भर में लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है। जब यह होता है, तो व्यक्ति का जीना मुहाल कर देता है।

क्या है एब्डॉमिनल माइग्रेन?
एब्डॉमिनल माइग्रेन में सिरदर्द की बजाय व्यक्ति को पेट में तेज दर्द और ऐंठन का अनुभव होता है। यह दर्द इतना असहनीय हो सकता है कि मरीज को बहुत परेशानी होती है। इसके साथ-साथ, थकान और उल्टी भी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समस्या आनुवंशिक कारणों से भी हो सकती है।
किन लोगों को है इसका सबसे ज़्यादा खतरा?
एब्डॉमिनल माइग्रेन का सबसे ज़्यादा असर छोटे बच्चों में देखा जाता है। जिन बच्चों के माता-पिता को पहले से माइग्रेन की समस्या रही है, उनमें इसके विकसित होने की संभावना ज़्यादा होती है। ऐसे बच्चों को बड़े होकर सामान्य सिर के माइग्रेन होने का भी ज़्यादा जोखिम रहता है।
एब्डॉमिनल माइग्रेन के कारण
डॉक्टरों का मानना है कि शरीर में बनने वाले दो यौगिक, हिस्टामाइन और सेरोटोनिन, इस तरह के दर्द के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं। ये यौगिक अत्यधिक तनाव और चिंता के कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, प्रोसेस्ड मीट, चॉकलेट और चाइनीज़ फ़ूड में इस्तेमाल होने वाले मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) के अधिक सेवन से भी इनका निर्माण बढ़ सकता है।
एब्डॉमिनल माइग्रेन के लक्षण
एब्डॉमिनल माइग्रेन के कुछ सामान्य लक्षण ये हो सकते हैं:
- भूख कम लगना और खाने-पीने का मन न करना
- पेट में तेज़ दर्द और ऐंठन
- आँखों के नीचे काले घेरे बनना
- पेट के आसपास की त्वचा का रंग पीला पड़ना
एब्डॉमिनल माइग्रेन का इलाज
चूंकि एब्डॉमिनल माइग्रेन का कोई पुख्ता कारण हमेशा पता नहीं चल पाता, इसलिए इसका इलाज कई बार मुश्किल हो जाता है। चिकित्सक अक्सर इसका इलाज सामान्य माइग्रेन की तरह ही करते हैं, लेकिन यह हमेशा प्रभावी नहीं होता। इसलिए, यदि आपको या आपके आसपास किसी बच्चे में एब्डॉमिनल माइग्रेन के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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