MBBS की 21 डिग्री वाला झोलाछाप डॉक्टर! डी फार्मा के भी 9 सार्टिफिकेट फर्जी; सरकारी सरकारी अस्पताल में थी तैनाती “ • ˌ

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के एक अस्पताल में संविदा पर तैनात डॉक्टर के प्रमाण पत्रों में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. आरोप है कि जिस व्यक्ति को पकड़ा गया है, वह डॉक्टर है ही नहीं, बल्कि उसने एमबीबीएस की 21 और डी फार्मा की 9 फर्जी डिग्रियां बनवा रखी हैं. यही नहीं, इसने यूनानी, होम्योपैथ और आयुर्वेदिक डॉक्टर की योग्यता वाली भी कई डिग्रियां बनवाई हैं. फिलहाल पुलिस ने आरोपी डॉक्टर और उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए इन्हें अरेस्ट कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

पुलिस के मुताबिक इनके पास से मिली दो डिग्रियां लखनऊ और शिकोहाबाद स्थित यूनिवर्सिटी की मिली हैं. इन दोनों यूनिवर्सिटी की 4 डिग्रियां पकड़ी गई हैं. पुलिस टीम ने इन यूनिवर्सिटी में जाकर इनकी जांच कराई तो पता चला कि यह चारो डिग्री फर्जी हैं. इस खुलासे के बाद पुलिस ने इन दोनों के पास से बरामद बाकी 17 डिग्रियों की जांच शुरू कर दी हैं. यह डिग्रियां पंजाब, छत्तीसगढ़, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, कर्नाटक, शिकोहाबाद, राजस्थान की यूनिवर्सिटियों की हैं. इन सभी यूनिवर्सिटियों में जांच के लिए पुलिस टीमों को दवाना कर दिया गया है.

24 फरवरी को साथी संग अरेस्ट हुआ डॉक्टर

बता दें कि बीते दिनों शिकायत मिली थी कि गोरखपुर के खोराबार पीएचसी पर संविदा पर तैनात डॉक्टर राजेंद्र कुमार के पास एमबीबीएस की फर्जी डिग्री है. इस सूचना पर एम्स क्षेत्र के आवास विकास कालोनी में रहने वाले इस डॉक्टर और उसके साथी की जांच खलीलाबाद कोतवाली थाना पुलिस ने कराई . इसके बाद पुलिस ने डॉ. राजेंद्र और उसके साथी सुशील चौधरी को पुलिस ने 24 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया.इसके बाद पुलिस ने आरेापियों की निशानदेही पर उनके पास से एमबीबीएस की 21 और डी फार्मा की 9 डिग्रियां बरामद की.

कई राज्य की यूनिवर्सिटियों की डिग्री

पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह फर्जी डिग्रियां पंजाब, छत्तीसगढ़, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, कर्नाटक, शिकोहाबाद, राजस्थान की यूनिवर्सिटी से बनवाई हैं. जांच में यह भी पता चला कि डॉ. राजेंद्र कुमार ने भी खुद के लिए राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक यूनिवर्सिटी के नाम से एमबीबीएस की डिग्री बनवाई थी. इस यूनिवर्सिटी के नाम से डॉक्टर के पास तीन डिग्रियां मिली हैं. इसके अलावा इनके पास से लखनऊ की आयुर्वेदिक तथा यूनानी-तिब्बती चिकित्सा पद्धति बोर्ड की दो, उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल की एक डिग्री मिली है.

यूनानी और आयुर्वेद की भी डिग्रियां

पुलिस के मुताबिक इसके अलावा आरोपियों के पास से ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चूरू राजस्थान की दो, जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद की चार, आईएफटीएम यूनिवर्सिटी मुरादाबाद की तीन, आयुष एंड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी ऑफ़ छत्तीसगढ़ की एक और राष्ट्रीय पात्रता सा प्रवेश परीक्षा स्नातक की एक फर्जी डिग्री मिली है. इसी प्रकार डॉ. राजेंद्र कुमार के साथी के पास से चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ की एक और आयुर्वेदिक तथा यूनानी-तिब्बती चिकित्सा पद्धति बोर्ड की एक फर्जी डिग्री मिली है.

नोएडा में भी हुई दो डॉक्टरों की पहचान

पुलिस की जांच में कई और गंभीर इनपुट मिले हैं. कहा जा रहा है कि यह पूरा रैकेट है और इसमें इन दो आरोपियों के अलावा भी कई अन्य लोग शामिल हैं. इनमें से पुलिस ने नोएडा में रहने वाले दो लोगों की पहचान कर ली हैं. इसके अलावा पुलिस डिग्री छापने वाले प्रिंटर की भी तलाश में जुट गई है. इसके लिए गोरखपुर पुलिस की टीम दो दिन से नोएडा में कैंप कर रही है.

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