टाइफाइड और शिगेलोसिस से बचाने वाली वैक्सीन आने की उम्मीद, कितनी खतरनाक हैं ये बीमारियां? “ • ˌ

टाइफाइड और शिगेलोसिस से बचाने वाली वैक्सीन आने की उम्मीद, कितनी खतरनाक हैं ये बीमारियां? “ • ˌ

सांकेतिक तस्वीर.

बच्चों को टाइफाइड और शिगेलोसिस (पेचिश) जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए ज़ाइडस लाइफसाइंसेज एक नया संयुक्त टीका बनाने जा रही है. इस प्रोजेक्ट में गेट्स फाउंडेशन का भी सहयोग मिलेगा. इसी महीने से वैक्सीन पर काम शुरू होने जा रहा है. अगर यह टीका सफल रहता है तो लोगों का इन दोनों बीमारियों से आसानी से बचाव हो सकेगा.

जाइडस लाइफसाइंसेज की इस वैक्सीन में दो तरह के टीकों का मिश्रण होगा. टाइफाइड के लिए जायडस का WHO-प्रमाणित टीका और इसके साझेदार का शिगेला वैक्सीन है. खासतौर पर उन इलाकों में जहां टाइफाइड और शिगेलोसिस ज्यादा फैलते हैं, वहां यह बच्चों के लिए सुरक्षा कवच बन सकता है.

टाइफाइड और शिगेलोसिस से बचाव क्यों जरूरी?

शिगेलोसिस

यह एक गंभीर दस्त रोग है, जो शिगेला बैक्टीरिया की वजह से होता है. बच्चों में यह कमजोरी, कुपोषण और अन्य जटिलताएं पैदा कर सकता है. यहएक संक्रामक आंतों का संक्रमण है. यह शिगेला नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. यह दस्त, बुखार, और पेट में ऐंठन का कारण बनता है. इसे बैसिलरी पेचिश के नाम से भी जाना जाता है. यह बीमारी आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है.

शिगेलोसिस (पेचिश) बीमारी से दुनिया भर में हर साल करीब 6 लाख लोगों की मौत होती है.ज्यादातर मौतें बच्चों में होती हैं. पेचिश एक घातक दस्त रोग है. शिगेलोसिस आंतों का संक्रमण है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है. वैसे शिगेला संक्रमण से पीड़ित लोग आमतौर पर 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर स्थिति पैदा कर देती है. खासकर बच्चों में दस्त शुरू होने के बाद यह बीमारी अधिक बढ़ जाती है. शिगेला संक्रमण बच्चों, बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार लोगों को अपनी चपेट में लेता है.

शिगेलोसिस से बचाव के उपाय

  • शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद, खाना बनाने से पहले, और यौन गतिविधि से पहले हाथ धोएं.
  • दस्त बंद होने के कम से कम 2 दिन बाद तक घर पर ही रहें.
  • संक्रमित लोग दूसरों के लिए भोजन न बनाएं.
  • संक्रमित लोगों के कपड़े, चादरें और कंबल को गर्म पानी से धोएं

टाइफाइड

यह साल्मोनेला बैक्टीरिया से होने वाला तेज बुखार है जो दूषित पानी और खाने से फैलता है. टाइफाइड से पीड़ित लोगों को महीनों तक बुखार रह सकता है. सही समय पर इलाज नहीं मिलने से बच्चे की जान भी जा सकती है.

भारत में टाइफाइड से हर साल 1 लाख लोगों की मौत

टाइफाइड कई अंगों को प्रभावित करता है. इसमें मरीज को 103 तक बुखार रहता है. कभी-कभी दस्त भी शुरू हो जाता है. भारत में हर साल करीब 1 लाख से अधिक लोगों की मौत इस बीमारी से होती है. इसमें ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार रहने वाले लोग होते हैं.

वैश्विक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर

जाइडस लाइफसाइंसेज के प्रबंध निदेशक शर्विल पटेल का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से वैश्विक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह सस्ती और असरदार वैक्सीन बनाकर लोगों की मदद करेगा. वहीं, गेट्स फाउंडेशन के कंट्री डायरेक्टर एम. हरि मेनन ने भी इस पहल की तारीफ की और इसे भारत की वैज्ञानिक ताकत का बेहतरीन उदाहरण बताया.

दवा निर्माता कंपनी ने कहा कि वह एक संयुक्त वैक्सीन के अनुसंधान और सह-विकास के लिए एक साझेदार के साथ सहयोग करेगी, जिसमें जायडस के विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पूर्व-योग्य टाइफाइड संयुग्म वैक्सीन और उसके साझेदार के शिगेला वैक्सीन का उपयोग किया जाएगा.

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