प्रेग्नेंसी के दौरान पैरासिटामोल लेना हो सकता है खतरनाक, स्टडी में खुलासा “ • ˌ

प्रेग्नेंसी के दौरान पैरासिटामोल लेना हो सकता है खतरनाक, स्टडी में खुलासा “ • ˌ

प्रेग्नेंट महिला (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल होने वाली एसिटामिनोफेन पैरासिटामोल दवा सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन एक नए अध्य्यन में इसके गंभीर परिणाम होने का संकेत मिला है. अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने गर्भवस्था के दौरान पैरासिटामोल के इस्तेमाल कर एक शोध किया है. जिसमें पाया गया है कि इसके इस्तेमाल से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. शोध से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से शिशु में ADHD (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) का खतरा बढ़ सकता है. इस पैरासिटामोल को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है.

दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हो जाती हैं. इसके लिए महिलाएं पैरासिटामोल एसिटामिनोफेन दवा लेना शुरू कर देती है. पैरासिटामोल में यह दवा सबसे कॉमन है, लेकिन स्टडी में पता चला कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल की दवा नुकसानदायक हो सकती है. यह बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित करती हैं.

क्या कहता है अध्ययन?

स्टडी में खुलासा हुआ है कि जो गर्भवती महिलाएं इसका अधिक इस्तेमाल कर रही थी. उनके नवजात पर इसका बुरा परिणाम दिखता है. खासकर बच्चों के मेंटल हेल्थ को यह प्रभावित करता है. पैरासिटामोल की दवा लेने वाली महिलाओं के बच्चों में अटेंशन, अधिक एक्टिवनेस और व्यवहारिक समस्याएं की कमी देखी गई हैं. ये सभी लक्षण अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर से जुड़े होते हैं, जो एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है.

कुछ गर्भवती महिलाओं पर किया गया अध्ययन

कनाडा के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों की सोसाइटी और मातृ-भ्रूण चिकित्सा सोसाइटी जैसी एजेंसियों ने कुछ गर्भवती महिलाओं पर पैरासिटामोल की दवा लेने के बारे में अध्ययन किया है. एजेंसी ने पाया कि जो महिलाएं यह दवा ले रही हैं उनके बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित हुआ है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पैरासिटामोल शरीर में कुछ ऐसे बदलाव कर सकता है, जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकते हैं. इससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.

क्या है एडीएचडी?

अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है. यह एक प्रकार का मनोरोग है. इसमें ध्यान की कमी, स्थिरता की कमी, बिना सोचे-समझे काम करना और अतिसक्रियता जैसी समस्याएं होती हैं. यह बचपन में ही शुरू हो जाता है जो लंबे समय तक चलता है.

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