जितनी कम उम्र में बच्चों के हाथ में आएगा मोबाइल, मानसिक रोगों का खतरा उतना ˒

जितनी कम उम्र में बच्चों के हाथ में आएगा मोबाइल, मानसिक रोगों का खतरा उतना ˒
The younger the mobile in the hands of children, the higher the risk of mental diseases

आज के समय में बच्चे उठने से लेकर रात को सोने तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. बिना मोबाइल उन्हें खाना खिलाना भी दुश्वार हो जाता है. वहीं मां बाप भी बच्चों की जिद को पूरा करने के लिए उनके हाथों में फोन थमा देते हैं, इससे बच्चा शांत हो जाता है और वो भी अपने में मग्न हो जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है ये आपके बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. जी हां तमाम रिसर्चों में इस बात का खुलासा हुआ है कि कम उम्र में बच्चों को फोन थमाने से उनका मानसिक विकास प्रभावित होता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की आशंका बढ़ जाती है.

सर्वे में कही गई ये बात-
हाल ही में अमेरिका के एनजीओ सैपियन लैब्स द्वारा की गई स्टडी में 40 से अधिक देशों के 18 से 24 साल की आयु के 27,969 एडल्ट्स का डेटा जुटाया गया. इस रिसर्च में जो बच्चे बचपन से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पता लगाने की कोशिश की गई. जिन लोगों ने बहुत ही कम उम्र से मोबाइल पर अधिक समय बिताना शुरू कर दिया था, उनमें मानसिक विकास और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतें अधिक पाई गईं. वहीं रिसर्च में महिलाएं अधिक प्रभावित दिखीं.

महिलाओं में जोखिम 20 फीसदी अधिक-
रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले रिजल्ट भी सामने आए. रिपोर्ट में देखने को मिला कि जिन पुरुषों ने 6 साल की उम्र से मोबाइल फोन इस्तेमाल करना शुरू किया उनमें 18 साल की उम्र में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वालों की तुलना में मानसिक विकारों के विकास का खतरा 6 फीसदी बढ़ जाता है. वहीं महिलाओं में ये जोखिम 20 फीसदी अधिक देखने को मिला.

इनमें दिखा अधिक खतरा-
रिसर्च के मुताबिक जिन महिलाओं ने 6 साल की उम्र से स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया वो सर्वे में 74 प्रतिशत पाई गईं. इनमें मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं अधिक देखने को मिलीं. वहीं 10 साल की उम्र से समार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों में ये समस्या 61 प्रतिशत देखने को मिली. 15 साल की उम्र से स्मार्टफोन यूज करने वाले युवाओ में मेंटल हेल्थ से जुड़े मामले 52% मिले. वहीं जिन लोगों ने इसका इस्तेमाल 18 साल की उम्र से करना शुरू किया उनमें मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियां सबसे कम यानी 46% पाई गईं. हालांकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ये परेशानी कम देखी गई.

क्या कहते हैं शोधकर्ता?
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में बाल और किशोर मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख बेंजामिन मैक्सवेल ने बताया कि ‘हमारे पास ऐसे किशोर अधिक आ रहे हैं, जो कम उम्र से ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हैं. इन-पर्सन सोशल कनेक्शन सभी के लिए आवश्यक है, मोबाइल फोन्स ने इसे खत्म सा कर दिया है. यह बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अच्छी आदत नहीं है. ऐसे में मां बाप को अपने बच्चे के प्रति सावधान हो जाना चाहिए. बच्चों को कम उम्र में ही मोबाइल फोन देने से उन्हें मानसिक परेशानियां हो सकती हैं.

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