नवजात बच्चों की 28 दिनों तक क्यों जरूरी है विशेष देखभाल, कैसे रखें सेहत का ध्यान “ • ˌ

नवजात बच्चों की 28 दिनों तक क्यों जरूरी है विशेष देखभाल, कैसे रखें सेहत का ध्यान “ • ˌ

नवजात शिशुओं की 28 दिनों तक देखभाल क्यों जरूरी है?
Image Credit source: Thanasis Zovoilis / Getty Images

नवजात बच्चे काफी नाजुक होते हैं. उनका ख्याल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि जन्म के बाद उनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है. इस दौरान सही देखभाल से ही बच्चे को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सकता है. नवजात को सही पोषण, गर्माहट और देखभाल देना बहुत आवश्यक होता है ताकि वह किसी भी संक्रमण या बीमारी से बचा रहे. ऐसे में नवजात बच्चों की 28 दिनों के लिए देखभाल बेहद जरूरी होती है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

यशोदा अस्पताल में वरिष्ठ नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दीपिका रस्तोगी बताती हैं कि नवजात के जन्म के बाद के पहले 28 दिन उसके जीवन के लिए सबसे जरूरी होते हैं. इस समय को ‘नियोनेटल पीरियड’ कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जन्म के तुरंत बाद शिशु का शरीर बाहरी वातावरण को ढालने की प्रक्रिया में होता है. ऐसे में नवजात की इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित नहीं होती, जिससे उसे संक्रमण का खतरा अधिक रहता है. इसके अलावा नवजात के शरीर में तापमान को कंट्रोल करने की क्षमता भी कमजोर होती है, जिससे उसे ठंड या अधिक गर्मी से खतरा हो सकता है. इस नाजुक समय में नवजात शिशु के लिए मां का दूध सबसे आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व और एंटीबॉडी होते हैं, जो उसे स्वस्थ रखते हैं. आइए जानें, नवजात बच्चों की केयर कैसे करें.

ऐसे करें नवजात बच्चों की केयर

नवजात को जरूरी टीके लगवाने से उसे गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेकर टीकाकरण पूरा कराना बहुत जरूरी है. जन्म के तुरंत बाद से ही शिशु को मां का दूध पिलाना चाहिए. यह उसे जरूरी पोषण देता है और उसकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है. ब्रेस्ट फीडिंग से शिशु का मानसिक और शारीरिक विकास तेजी से होता है. KMC यानी कंगारू मदर केयर एक तकनीक है, जिससे नवजात को गर्मी मिलती है और उसका शारीरिक विकास बेहतर होता है.

यह विशेष रूप से समय से पहले जन्मे और कम वजन वाले शिशुओं के लिए फायदेमंद होता है. नवजात की नाजुक त्वचा को संक्रमण से बचाने के लिए नहलाने और कपड़े बदलने में विशेष ध्यान दें. शिशु के नाखून छोटे और साफ रखें ताकि वह खुद को चोट न पहुंचाए. शिशु को सोने के लिए शांत और सुरक्षित माहौल दें, क्योंकि नींद उसकी ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी होती है. नवजात को दिन में 16-18 घंटे तक सोने की जरूरत होती है.

इन चीजों पर ध्यान दें

हाथ धोकर ही शिशु को छुएं ताकि उसे किसी प्रकार का संक्रमण न हो.

नवजात को ज्यादा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ले जाने से बचें.

अगर शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो या लगातार रोता रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

शिशु के शरीर में पीलापन, सुस्ती, दूध न पीना या तेज बुखार जैसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर से सलाह लें.

नवजात को बार-बार गोद में लेने और झटके से हिलाने से बचें.

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