गजब हो गया! QR कोड से पता चल जाएगा- आम कौन से बाग का हैकौन सी प्रजाति का है? “ ˌ

गजब हो गया! QR कोड से पता चल जाएगा- आम कौन से बाग का हैकौन सी प्रजाति का है? “ ˌ
Amazing done! It will be known from the QR code- Which garden is the mango from.. Which species is it?

QR Code For Mango: आम का सीजन आने ही वाला है और आम के शौकीनों के लिए एक बहुत ही खास खबर है. इस बार आप जब आम खरीदने जाएंगे तो आपको एक छोटा सा काम करना होगा और आपको पता चल जाएगा कि यह आम किस प्रजाति का है और इस आम का मालिक कौन है. इतना ही नहीं यह भी पता चल जाएगा कि आम किस बाग से तोड़ा गया है. ऐसा करके आप अपना पसंदीदा आम खरीद पाएंगे और इसका आनंद उठा पाएंगे.

धोखे से बचने के लिए क्यूआर कोड
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तकनीक मलीहाबादी आमों के ऊपर लागू होने वाली है. बताया जाता है कि देश में सबसे ज्यादा डिमांड मलीहाबादी आमों की रहती है. लेकिन कई बार लोग मलीहाबादी आम का नाम लेकर अन्य प्रजाति का नाम भी बेच देते हैं. जबकि वह मलीहाबादी नहीं होता है. इसी धोखे से बचने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाएगा.

पेड़ों की जियो टैगिंग के जरिए
इससे फायदा यह होगा कि जैसे ही आपके क्यूआर कोड का इस्तेमाल करेंगे, आपके सामने पूरा विवरण आ जाएगा कि यह मलीहाबादी आम है या नहीं है. अगर यह मलीहाबादी आम है तो किस बाग का है और इस बाग का मालिक कौन है. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इसे आम के पेड़ों की जियो टैगिंग के जरिए संभव किया जाएगा. मंडी परिषद ने मलिहाबाद स्थित मैंगो पैक हाउस एक निजी कंपनी को यह काम सौंपा है. इस कंपनी को रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) ने निर्यात की तकनीक दी है.

मलीहाबादी आम का पता चल जाएगा
बताया गया कि आम पर कवर लगाए जा रहे हैं, ताकि उनमें दाग-धब्बे न लगें. सीआईएसएच में 10 मई को भी किसानों के साथ बैठक होगी और जियो टैगिंग पर बात होगी. इस तकनीक के माध्यम से मलीहाबादी आम का पता चल जाएगा. आम के पेटी पर क्यूआर कोड मौजूद रहेगा. इस क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन करते ही जानकारी दिख जाएगी. फिलहाल कंपनी मलीहाबाद के बागों में घूमकर जियो टैगिंग कर रही है.

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