
धर्म डेस्क, इंदौर। अकबर और बीरबल के किस्से आज भी मशहूर हैं। ये न सिर्फ मनोरंजक हैं, बल्कि शिक्षा भी देते हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि बीरबल की तरह ही उनका बेटा भी बहुत होशियार और कुशाग्र बुद्धि था। यहां पढ़िए बीरबल के बेटे से जुड़ा एक किस्सा।
एक दिन दरबार का काम खत्म होने के बाद बादशाह अकबर और बीरबल भ्रमण कर रहे थे। तभी अकबर ने तीन सवाल पूछे। पहला – भगवान कहां है, दूसरा – भगवान कैसे मिलेगा और तीसरा भगवान क्या कर सकता है?
बीरबल ने तीनों सवालों के जवाब देने के लिए बादशाह से एक दिन का समय मांगा। इसके बाद बीरबल अपने घर चले गए। घर पर सोच-विचार में थे कि सवालों के जवाब कैसे दिए जाएं?
तभी बीरबल के बेटे ने पिता से पूछा कि वे इतना चिंतित क्यों हैं? बीरबल ने पूरी बात बताई। इस पर बेटे ने कहा कि आप निश्चिंत रहें, मैं कल दरबार में बादशाह को सभी सवालों के जवाब दे दूंगा। बीरबल चिंतामुक्त होकर सो गए।
दरबार में बीरबल के बेटे ने दिए जवाब
सुबह दरबार लगा। बीरबल अपने बेटे के साथ पहुंचे और बादशाह से कहा कि उनका बेटा तीनों सवालों के जवाब देगा। बेटे ने बादशाह से कहा कि पहले सवाल के लिए मीठा दूध बुलवाइये।
बादशाह ने आदेश दिया और तत्काल मीठा दूध हाजिर हो गया। बीरबल के बेटे ने बादशाह से पूछा कि दूध का स्वाद कैसा है? बादशाह ने चखने के बाद बताया कि दूध मीठा है।
बेटा बोला- जहांपनाह! जिस प्रकार यह दूध मीठा है, लेकिन इसमें शक्कर नजर नहीं आ रही है, उसी प्रकार भगवान सब दूर है, हर चीज में है, हर जीव में है, लेकिन नजर नहीं आता है।
बादशाह को पहले सवाल का जवाब मिल गया था। दूसरे सवाल के जवाब के लिए बीरबल के बेटे ने बादशाह से दही बुलवाने को कहा। एक पात्र में दही लाया गया, तो बेटे ने बादशाह से पूछा कि क्या इनमें मक्खन नजर आ रहा है?
बादशाह ने कहा कि दही को जब तक मथा या फेटा नहीं जाएगा, तब तक मक्खन कैसे निकलेगा? बेटे ने कहा कि बस, यही दूसरे सवाल का जवाब है। जब तक खुद को ईश्वर भक्ति में नहीं लगाओगे, जब तक हर काम को ईश्वर का आदेश मानकर नहीं करोगे, जब तक नेकी के रास्ते पर नहीं चलोगे, तो ईश्वर कैसे मिलेगा।

…और तीसरे सवाल में चली गई राजा की गद्दी
अब बारी थी तीसरे सवाल की कि भगवान या ईश्वर क्या कर सकता है? बीरबल के बेटे ने कहा कि राजा को तीसरे सवाल के जवाब के लिए अपने सिंहासन से उठना होगा। राजा उठकर नीचे आया और बीरबल का बेटे सिंहासन पर जाकर बैठ गया।
इसके बाद बीरबल के बेटे ने कहा कि जहांपनाह! यह भगवान की ताकत है। वो पलभर में राजा को रंक और रंक को राजा बना सकता है।
बादशाह को तीनों सवालों के जवाब मिल चुके थे। वे बीरबल के बेटे की कुशाग्र बुद्धि से प्रसन्न हुए और उसे उपहार देकर विदा किया।