
नई दिल्ली/स्वराज टुडे: सीआरपीएफ अधिकारी पूनम गुप्ता बुधवार (12 फरवरी, 2025) को शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं. उनकी शादी कोई साधारण शादी नहीं होगी. ये एक ऐतिहासिक विवाह होगा, जिसे पूरा भारत याद रखेगा क्योंकि उनकी शादी राष्ट्रपति भवन में होने जा रही है.
ये वही पूनम गुप्ता हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कमांडो बताया गया था. इन्हें पीएम मोदी के साथ-साथ चलते देखा गया था और इस बात की चर्चा होने लगी थी कि ये पीएम मोदी की महिला कमांडो हैं.
देश के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास राष्ट्रपति भवन में पूनम गुप्ता शादी के पवित्र बंधन में बंधने जा रही हैं. राष्ट्रपति भवन में दुनियाभर से आने वाले राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया जाता रहा है, लेकिन राष्ट्रपति भवन में पहली बार शादी का आयोजन होगा, जो देश के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है. पूनम गुप्ता के विवाह समारोह में सिर्फ करीबी फैमिली मेंबर शामिल होंगे.
राष्ट्रपति भवन में स्थित मदर टेरेसा कॉम्पलेक्स में पूनम गुप्ता की शादी का आयोजन किया जाएगा. अब सभी के दिमाग में ये सवाल है कि उनकी शादी का आयोजन राष्ट्रपति भवन में क्यों किया जा रहा है और इसके लिए पूनम गुप्ता को इसकी इजाजत कैसे मिली, पूनम गुप्ता ने राष्ट्रपति भवन में शादी की इच्छा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने रखी थी और इसके लिए अनुरोध किया था. राष्ट्रपति मुर्मू ने देश की सेवा और सीआरपीएफ में पूनम गुप्ता के प्रोफेशनिलज्म, डेडिकेशन और जॉब के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया.
कौन हैं पूनम गुप्ता?
दुल्हन बनने जा रहीं पूनम गुप्ता सीआरपीएफ की सहायक महिला कमाडो हैं और वर्तमान में वह राष्ट्रपति भवन में पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) के तौर पर तैनात हैं. 74वें गणतंत्र दिवस परेड में उन्होंने महिला दल का नेतृत्व करते हुए अपनी मजबूत लीडरशिप और भूमिका के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया था. पूनम गुप्ता की शादी अवनाश कुमार से होने जा रही है, जो सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं. उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में है.
पूनम गुप्ता मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली हैं और वह पढ़ाई में हमेशा से अच्छी रही हैं. उनके पास मैथमेटिक्स में डिग्री और इंग्लिश लिटरेचर की मास्टर डिग्री है. साथ ही उन्होंने ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से बी.एड भी किया है. 2018 में पूनम गुप्ता को यूपीएससी सीएपीएफ में 81वीं रैंक मिली थी. इसके बाद वह सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के तौर पर तैनात हो गईं. राष्ट्रपति भवन में पोस्टिंग से पहले वह बिहार के नक्स प्रभावित इलाके में तैनात थीं.