चोरी करने पर इंसानों को खा जाती है ये जनजाति, इस अंग को छोड़कर हर चीज को बना लेते हैं निवाला “ • ˌ

चोरी करने पर इंसानों को खा जाती है ये जनजाति, इस अंग को छोड़कर हर चीज को बना लेते हैं निवाला “ • ˌ
This tribe eats humans after stealing, except this organ, they make everything a morsel

पोर्ट मोरेस्बी: दुनिया आज के समय आधुनिक हो गई है। लेकिन अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जो पूरी तरह अलग हैं। यहां जाने पर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप 21वीं सदी में नहीं बल्कि पाषाण काल में आ गए हैं। ड्रू बिंस्की नाम के यूट्यूबर पापुआ न्यू गिनी के ऐसे कबीले में पहुंचे जहां इंसानों को मार कर लोग खा जाते हैं। पापुआ न्यू गिनी में कोरोवाई लोग आज भी वैसे रहते हैं, जैसे इंसान पाषाण काल के समय रहते थे। उनके शरीर पर आपको बेहद कम या फिर न के बराबर कपड़े मिलेंगे। ये लोग तीर और कमान के जरिए शिकार करते हैं।

1974 में पहली बार दक्षिणी पापुआ और हाईलैंड पापुआ के प्रांतों में मानवविज्ञानी गए। इससे पहले कोरोवाई लोगों को यह पता नहीं था कि उनके अलावा पृथ्वी पर कोई और भी रहता है। ड्रू ने मोमुना जनजाति के बीच एक अच्छा खासा समय बिताया, जहां उसे कोरोवाई लोगों के बारे में हैरान करने वाली जानकारी मिली। ड्रू ने कहा, ‘मुझे यहां आकर पता चला कि कोरोवाई लोग इंसानों को स्वाद या पोषण के लिए नहीं खाते। बल्कि यह एक सजा होती है।’ उन्होंने कहा कि अगर कोई कुछ चुरा लेता है तो यह लोग उसे आग में जला कर खा लेते हैं।

इंसानों को मार कर खा जाते हैं
कोरोवाई लोगों का यह भी मानना है कि खाकुआ नाम का एक राक्षस इंसानी दिमाग पर कब्जा कर सकता है और उन्हें अंदर से खा लेता है, जिसके कारण इंसान डायन में बदल जाता है। वह मानते हैं कि जिस किसी पर भूतप्रेत का साया हो, उसे मारकर खा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोवाई लोग बीमारियों से होने वाली रहस्यमय मौतों के लिए खाकुआ को जिम्मेदार मानते हैं। उनका कहना है कि ये राक्षस इंसानों का रूप धारण कर लेता है। वह जनजाति का विश्वास हासिल करने के लिए दोस्तों या परिवार के सदस्यों के रूप में खुद को दिखाते हैं।

इस अंग को नहीं खाते
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी व्यक्ति को खाकुआ मान लिया जाए तो उसे भी मार डाला जाता है। यह आदिवासी इंसानी मांस के स्वाद की तुलना जंगली सूअर या एमू से करते हैं। आदिवासी लोग बाल, नाखून और लिंग छोड़कर शरीर के बाकी हिस्सों को खा जाते हैं। 13 साल से कम उम्र के बच्चे इन्हें नहीं खा सकते, क्योंकि उनका मानना है कि ये लोग भी खाखुआ के असर से प्रभावित हो सकते हैं। कोर्नीलियस नाम के गाइड ने इस कबीले का विश्वास जीतने का अनोखा अनुभव साझा किया। उसने कहा कि एक बार कबीले वालों ने उसे मांस का टुकड़ा दिया और कहा कि ये इंसान का है। अगर वह खा ले तो उनके साथ रह सकता है और उसने फिर वैसा ही किया।

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