
दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जो अब तक अनसुलझे हैं. इन रहस्यों को सुलझाने के लिए कई साइंटिस्ट्स दिन रात मेहनत करते हैं. पृथ्वी की संरचना कैसे हुई से लेकर इसपर दूसरे ग्रहों का कैसा प्रभाव रहा है, इन सब बातों के पीछे का सीक्रेट साइंटिस्ट्स ढूंढने में लगे रहते हैं. कई बार ऐसे राज सामने आ जाते हैं, जिनके बारे में लोग सोच भी नहीं सकते. ये राज छिपे होते हैं, पृथ्वी की उस गहराई में, जहां इंसान का जाना संभव नहीं है. लेकिन तकनीक की मदद से इंसान वहां से भी रहस्यों को उजागर कर रहा है.
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के कुछ साइंटिस्ट्स ने दावा किया है कि वहां समुद्र के नीचे एक ऐसा गड्ढा है, जो अब तक पृथ्वी पर मिले किसी भी गड्ढे से बड़ा है. ये गड्ढा दूसरे ग्रह से या स्पेस से गिरे उल्कापिंड की वजह से बना है. समुद्र के एक दम तली में जब इस चट्टान ने ऐसा गड्ढा बना डाला तो जरा सोचिये कि अगर ये जमीन पर गिरा होता तो इसका क्या अंजाम होता? इस गड्ढे की चौड़ाई 323 मील से भी ज्यादा है. हालांकि, अभी साइंटिस्ट्स ने इसकी जांच नहीज की है और सिर्फ तस्वीरों के आधार पर दावा किया है.
साइंटिस्ट्स के इस दावे के बाद ये दुनिया का सबसे बड़ा क्रेटर बन गया है. ये समुद्र के एक दम तली में स्थित है. एक्सपर्ट Andrew Filkson और Tony Yeates ने इसके बारे में खुलासा किया. उन्होंने बताया कि न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया में ये क्रेटर मौजूद है. उन्होंने इसका नाम Deniliquin रखा है. उनके मुताबिक़, ये दुनिया का सबसे बड़ा क्रेटर है. इसकी चौड़ाई 323 मील यानी पांच सौ किलोमीटर से भी ज्यादा है. इससे पहले दुनिया बड़ा क्रेटर साउथ अफ्रीका में था. उसकी चौड़ाई 186 मील थी. यानी नया क्रेटर पुराने से सौ गुना ज्यादा बड़ा है.
करोड़ों साल पहले निर्माण
Deniliquin के बारे में साइंटिस्ट्स का मानना है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा क्रेटर हो सकता है. इसकी संरचना आज नहीं, करीब 445 मिलियन साल पहले यानी करोड़ों साल पहले हुई थी. उस दौर में आकाश से गिरे विशाल उल्कापिंड ने समुद्र के अंदर ये छेद बनाया होगा. लेकिन समुद्र के नीचे होने की वजह से इसके बारे में अब जाकर पता चल पाया है. अभी तक इस क्रेटर तक किसी इंसान के ना जा पाने की वजह से डिटेल में जानकारी मौजूद नहीं है. लेकिन साइंटिस्ट्स के मुताबिक़, अगर वहां जाएंगे, तो उस जगह के चट्टान की स्टडी के बाद और भी कई डिटेल सामने आएंगे.