
“ना बीवी ना बच्चा, ना बाप बड़ा ना मईया…”, आगे की लाइन भी पता ही होगी. लिखने वाले ने ये गाना ऐसे ही नहीं लिख दिया “सबसे बड़ा रुपइया”. लोग, परिवार, समाज से ही उदाहरण उठाकर फिल्में, नाटक, गीत-संगीत रचे जाते हैं. उत्तर प्रदेश के एटा की रहने वाली मोसिना परवेज एक और मिसाल हैं. इन्होंने पैसा कमाने के लिए खुद को अपने पिता की पत्नी बनाकर पेश किया और सालोंसाल उनकी पेंशन का पैसा खाया.
एक महिला के पिता लेखपाल थे. 1987 में वो रिटायर हुए. 2013 में उनका निधन हुआ. उनसे पहले ही महिला की मां का निधन हो चुका था. महिला ने पेंशन पाने के लिए कागज़ो में खुदको पिता की पत्नी बताया और 10 साल तक पेंशन ली. लेकिन एक दिन महिला और उनके पति (असली पति) की लड़ाई हुई तो पति ने पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. मामले की जांच हुई तो सच सामने आया. अब पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ़्तार कर कोर्ट भेज दिया है.
इंडिया टुडे से जुड़े देवेश पाल की रिपोर्ट के मुताबिक मामला एटा जिला स्थित अलीगंज तहसील के कूंचादायम खां मोहल्ले का है. आरोपी मोसिना परवेज के पिता का नाम विजारत उल्ला खान था. वो सरकारी मुलाजिम थे. लेखपाल की नौकरी करते थे. 1987 में रिटायर हुए और 2013 में उनका निधन हो गया. उससे पहले विजारत खान की पत्नी शाविया बेगम की मौत हो चुकी थी. अब नियम है कि सरकारी मुलाजिम की मौत के बाद उसकी पत्नी को जिंदगी भर पेंशन मिलती है. मोसिना परवेज ये जानती थी. विजारत खान को पेंशन के रूप में हर महीने दस हजार रुपये मिलते थे. उनकी मौत के बाद भी ये पैसा आना ना रुके, इसके लिए मोसिना ने प्लान बनाया.
आरोप है कि पेंशन जारी रखवाने के लिए मोसिना परवेज ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये खुद को अपने पिता की पत्नी के रूप में पेश किया. मतलब पेंशन प्रपत्रों में खुद को शाविया बेगम बना दिया. प्लान कामयाब रहा और आरोपी महिला को पेंशन लेने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई. इसके बाद 10 सालों तक वो पत्नी बनकर पिता की पेंशन उठाती रही. रिपोर्ट के मुताबिक अब तक मोसिना 12 लाख रुपये की पेंशन हजम कर चुकी है.
रिपोर्ट के मुताबिक मोसिना के पति ने ही उसके इस फ्रॉड के बारे में बताया. उसे इसके बार में पहले से पता था. उसका कहना है कि इसकी वजह से दोनों में कई बार झगड़ा हुआ. बाद में तंग आकर पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी. शिकायत पत्र में पति ने ये भी आरोप लगाया कि जब उसने मोसिना को यह सब करने से मना किया तो उसने अपने बच्चों से पति को पिटवाया और धक्के देकर अलीगंज से बाहर निकाल दिया. पति के मुताबिक आरोपी महिला ने उसे जेल भेजने की धमकी भी दी.
मोसिना के पति का शिकायत पत्र
शिकायत मिलने के बाद उपजिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने पूरे मामले की जांच करवाई. इसमें महिला का खेल सामने आया. पता चला कि उसने शासकीय धन का दुरूपयोग किया है. इसके बाद रजिस्ट्रार कानूनगो राजकपूर ने अलीगंज पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई. पुलिस ने मोसिना के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर जांच शुरू की. महिला लंबे समय से फरार चल रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे 8 अगस्त को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया.