
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसा लगाने वालों के लिए बजट 2025 एक बड़ी राहत लेकर आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती (TDS) की सीमा बढ़ा दी है। यह फैसला खासकर सीनियर सिटिज़न्स के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि उनकी ब्याज आय पर टैक्स छूट की सीमा दोगुनी कर दी गई है।
क्या है नया नियम?
- सामान्य निवेशकों के लिए TDS की सीमा ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है।
- अब ₹50,000 (सामान्य निवेशक) और ₹1,00,000 (सीनियर सिटिज़न्स) तक की ब्याज आय पर कोई TDS नहीं कटेगा।
कैसे मिलेगा फायदा?
उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी FD पर सालाना ब्याज ₹50,000 है, तो अब आपको कोई TDS नहीं देना होगा। वहीं, सीनियर सिटिज़न्स के लिए यह सीमा ₹1,00,000 तक हो गई है, जिससे उनकी बचत पर और ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
क्या है TDS का नया नियम?
- ब्याज आय ₹50,000 (सामान्य) और ₹1,00,000 (सीनियर) से कम होने पर कोई TDS नहीं कटेगा।
- अगर ब्याज आय इस सीमा से अधिक है, तो 10% TDS कटेगा (पैन कार्ड होने पर)।
- बिना पैन कार्ड के TDS की दर 20% होगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्यों है यह बजट खास?
सीनियर सिटिज़न्स के लिए TDS छूट की सीमा दोगुनी कर दी गई है। इससे उनकी ब्याज आय पर टैक्स का बोझ कम होगा और उन्हें अधिक रिटर्न मिलेगा। Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक, “यह फैसला न केवल FD बल्कि सॉवरेन बॉन्ड पर भी लागू होगा, जिससे वरिष्ठ नागरिकों की वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी।”
क्या करें अगर आपकी ब्याज आय TDS सीमा से अधिक है?
अगर आपकी ब्याज आय TDS सीमा से अधिक है, तो आप फॉर्म 15G (सामान्य निवेशक) या फॉर्म 15H (सीनियर सिटिज़न्स) भरकर TDS से छूट प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
बजट 2025 में FD निवेशकों के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने का फैसला एक बड़ी राहत है। यह कदम छोटे और मध्यम निवेशकों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। अगर आप FD में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय है, क्योंकि अब आपकी ब्याज आय पर कम टैक्स कटेगा और आपको अधिक रिटर्न मिलेगा।