Copper Toxicity: तांबे के बर्तन में पानी पीने की परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है। आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखे पानी को सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है।

यह माना जाता है कि तांबे के बर्तन में पानी रखने से पानी शुद्ध हो जाता है और इसमें मौजूद तांबे के गुण शरीर को कई फायदे (Copper Water Benefits) पहुंचाते हैं।
लेकिन क्या यह सच है कि तांबे के बर्तन में रखा पानी जहर बन सकता है? आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि कॉपर टॉक्सिसिटी क्या होती है, इससे शरीर को क्या-कुछ नुकसान (Copper Water Side Effects) हो सकते हैं और आप इस समस्या से कैसे अपना बचाव कर सकते हैं।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। तांबा एक प्राकृतिक एंटी-माइक्रोबियल धातु है, जो पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को नष्ट कर देता है। इसके अलावा, तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को लाजवाब फायदे मिलते हैं। आइए जानें।
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाना: तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। यह पेट की गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
- त्वचा के लिए फायदेमंद: तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखते हैं। यह झुर्रियों और उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए: तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से इम्युनिटी मजबूत होती है। यह शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।
- वजन घटाने में मददगार: तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जो वजन घटाने में मदद करता है।
- जोड़ों के दर्द में आराम: तांबे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
क्या तांबे के बर्तन में रखा पानी जहर बन सकता है?
तांबे के बर्तन में रखा पानी सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल सही तरीके से न किया जाए, तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। तांबे के बर्तन में पानी रखने का सही तरीका यह है कि पानी को 8-10 घंटे से ज्यादा समय तक तांबे के बर्तन में न रखा जाए। अगर पानी को तांबे के बर्तन में बहुत लंबे समय तक रखा जाए, तो पानी में तांबे की मात्रा बढ़ सकती है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।
क्या होती है Copper Toxicity?
Copper Toxicity यानी तांबे की अधिकता एक ऐसी स्थिति है, जब शरीर में तांबे की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाती है। तांबा शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। आइए जानें Copper Toxicity के कुछ लक्षण।
- पेट में दर्द और मतली: तांबे की ज्यादा मात्रा से पेट में दर्द, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- सिरदर्द और चक्कर आना: Copper Toxicity के कारण सिरदर्द, चक्कर आना और थकान महसूस हो सकती है।
- लिवर और किडनी को नुकसान: तांबे की ज्यादा मात्रा से लिवर और किडनी को नुकसान पहुंच सकता है, जो गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है।
- मानसिक समस्याएं: Copper Toxicity के कारण मानसिक समस्याएं जैसे चिंता, अवसाद और मूड स्विंग हो सकते हैं।
- त्वचा से जुड़ी समस्याएं: तांबे की अधिकता से त्वचा पर रैशेज, खुजली और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
Copper Toxicity से कैसे बचें?
तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे उठाने के लिए यह जरूरी है कि इसका इस्तेमास सही तरीके से किया जाए। आप कुछ बातों का ध्यान रखकर आप Copper Toxicity से बच सकते हैं।
- पानी को लंबे समय तक न रखें: तांबे के बर्तन में पानी को 8-10 घंटे से अधिक समय तक न रखें। इससे पानी में तांबे की मात्रा सामान्य बनी रहती है।
- सही बर्तन का चयन करें: तांबे के बर्तन खरीदते समय यह ध्यान रखें कि वह शुद्ध तांबे का बना हो। नकली या मिलावटी तांबे के बर्तन सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- बैलेंस डाइट लें: तांबे की ज्यादा मात्रा से बचने के लिए बैलेंस डाइट लेना जरूरी है। तांबे से भरपूर फूड आइटम्स का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- रेगुलर टेस्ट कराएं: अगर आप तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं, तो नियमित रूप से अपने शरीर में तांबे की मात्रा की जांच कराएं। इससे आप Copper Toxicity के खतरे से बच सकते हैं।