
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट को पेश करते हुए कई ऐसे ऐलान किए जिसका सीधा फायदा टैक्सपेयर्स को मिलने वाला है। ऐसा ही एक ऐलान घर के मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है। निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि टैक्सपेयर बिना किसी शर्त के खुद के कब्जे वाली दो संपत्तियों का वार्षिक मूल्य शून्य बता सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा- इस समय टैक्सपेयर केवल कुछ शर्तों को पूरा करने पर ही खुद के कब्जे वाली संपत्तियों का वार्षिक मूल्य शून्य का दावा कर सकते हैं। टैक्सपेयर्स के सामने आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए, बिना किसी शर्त के ऐसी खुद के कब्जे वाली दो संपत्तियों का लाभ देने का प्रस्ताव है।
नियमों में संशोधन के प्रस्ताव सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा दो में संशोधन का प्रस्ताव किया है, जो आवासीय संपत्तियों के वार्षिक मूल्य के निर्धारण से संबंधित है। बजट दस्तावेज में कहा गया कि धारा की उपधारा (2) में यह प्रावधान है कि जहां गृह संपत्ति स्वामी के कब्जे में उसके निवास के लिए है या स्वामी किसी अन्य स्थान पर अपने रोजगार, व्यवसाय या पेशे के कारण है और वास्तव में उसपर कब्जा नहीं कर सकता है, ऐसे मामलों में, ऐसी गृह संपत्ति का वार्षिक मूल्य शून्य माना जाएगा। बजट नें कहा गया है कि उपधारा (4) में प्रावधान है कि उपधारा (2) के प्रावधान केवल दो गृह संपत्तियों के संबंध में लागू होंगे।
किराये पर टीडीएस की लिमिट बढ़ी इसके अलावा वित्त मंत्री ने किराये पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की सालाना लिमिट को मौजूदा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा- मैं टीडीएस कटौती की दरों और सीमा को कम करके स्रोत पर कर कटौती को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करती हूं।
इसके अलावा, बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए कर कटौती की सीमा राशि बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किराये पर टीडीएस के लिए सालाना 2.40 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जा रहा है।