इस रंग की पहनी शर्ट या टी-शर्ट तो पक्का नपेंगे, कैमरा काट देगा चालान, जानिए आखिर ऐसा ˒

इस रंग की पहनी शर्ट या टी-शर्ट तो पक्का नपेंगे, कैमरा काट देगा चालान, जानिए आखिर ऐसा ˒

सड़कों पर जहां देखो वहां अब स्पीड मापने वाले कैमरे लगे नजर आते हैं। माना टेक्नोलॉजी काफी एडवांस हो गई है और इस तकनीक की मदद से ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चालान कट जाता है।

टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रैफिक पुलिस का काम आसान हो गया है। लोगों के भीतर नियमों को लेकर जागरूकता भी फैलाई गई है। लेकिन, दूसरी ओर इसी टेक्नोलॉजी की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। कुछ मामले तो ऐसे आए हैं जिनमें कोई ट्रैफिक नियम नहीं तोड़ा गया। सके बावजूद चालान काट दिया गया।

अगर गाड़ी चलाने वाले ने काले रंग की शर्ट या टी-शर्ट पहनी है तो उसका चालान कट सकता है। दरअसल, सड़कों पर लगा कैमरा काले रंग की शर्ट या टी-शर्ट की सही ढंग से पहचान नहीं कर पाता है। कैमरा इस बात की पुष्टि नहीं कर पाता है कि वाहन चालक ने सीट बेल्ट पहनी है या नहीं। सड़क पर खड़े ट्रैफिक पुलिस वालों को समझ में आ जाता है कि वाहन चालक ने काले रंग शर्ट या टी-शर्ट पहनी है और सीट बेल्ट भी लगा रखी है। लेकिन सड़क पर वाहनों की गति मापने वाले कैमरे इसकी सही पहचान नहीं कर पाते हैं। इस वजह से वाहन चालक का सीट बेल्ट न पहनने के लिए चालान कट जाता है।

काली टी-शर्ट पहनने से कटा चालान

दरअसल, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक आईटी कंपनी में काम कर रहे केशव किसलय को AI तकनीक के कारण परेशानी उठानी पड़ गई। एक दिन केशव कार लेकर बाहर निकले और ट्रैफिक पुलिस के कैमरे ने तस्वीर निकालकर चालान काट दिया। चालान आया कि केशन सीटबेल्ट नहीं पहने हुए थे। इस चालान की कॉपी देखकर केशव हैरान रह गए। केशव का कहना है कि वो हमेशा सीट बेल्ट पहनकर ही कार चलाते हैं। जिस दिन सीट बेल्ट नहीं पहनने के आरोप में चालान कटा है, उस दिन भी हो सीट बेल्ट लगाए हुए थे। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर चालान कैसे कट गया?

कैंसिल कराया सीटबेल्ट चालान

दरअसल उस दिन केशव ब्लैक कलर की टी-शर्ट पहने हुए थे। टी-शर्ट का कलर ब्लैक होने की वजह से कैमरे को सीटबेल्ट का पता नहीं चल पाया.ष लिहाजा केशव का सीट बेल्ट नहीं लगाने के आरोप ऑनलाइन चालान कट गया। उन्होंने इस मामले को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उठाया। बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस ने मामला संज्ञान में आने के बाद ईमेल के जरिए शिकायत बताने को कहा। जब केशव ने सारे डिटेल्स ई-मेल की, तो 5-6 दिनों बाद उनका पेंडिंग चालान निरस्त हो गया।

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