कैंसर का रिस्क आपके हार्मोन हो सकते हैं जिम्मेदार, औरत और मर्द दोनों रहें अलर्ट “ • ˌ

Risk of cancer... your hormones may be responsible, both men and women should be alertRisk of cancer... your hormones may be responsible, both men and women should be alert
Risk of cancer… your hormones may be responsible, both men and women should be alert

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How Hormones Influence Cancer: हार्मोन कई तरह के बॉडिली फंक्शंस को कंट्रोल करने में अहम रोल अदा करते हैं, लेकिन उनका इम्बैलेंस या लंबे वक्त तक एक्सरोजर रिप्रोडक्टिव कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन मेटाबॉलिज्म, ग्रोथ, रिप्रोडक्शन और मूड को प्रभावित करते हैं. हालांकि, इन हार्मोन में उतार-चढ़ाव सेल डिविजन और जेनेटिक म्यूटेशन को तेज करके कैंसर के फैलने में योगदान कर सकते हैं.

रिप्रोडक्टिव कैंसर के लिए रिस्क फैक्टर्स

कई फैक्टर्स हार्मोनल इम्बैलेंस से जुड़े कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

1. रिप्रोडक्टिव पैटर्न: अर्ली मेंस्ट्रुएशन, लेट मेनोपॉज, या कभी भी बच्चे को जन्म न देना ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.

2. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी): लॉन्ग टर्म यूज, खास तौर से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन के साथ, ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को बढ़ाता है.

3. मोटापा: एक्सेस फैट सेल्स एस्ट्रोजन का उत्पादन करते हैं, जिससे एंडोमेट्रियल और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

4. एंडोमेट्रियोसिस: टाइप 1 ओवैरियन कैंसर से स्ट्रॉन्ग तरीके से जुड़ा हुआ है.

हार्मोंस और उनका कैंसर पर असर

1. ब्रेस्ट कैंसर: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन महत्वपूर्ण रूप से योगदान करते हैं, खासकर लंबे समय तक हार्मोन के संपर्क में रहने वाली महिलाओं में.

2. ओवेरियन कैंसर: बार-बार ओव्यूलेशन साइकल या पीसीओएस जैसी स्थितियां हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकती हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

3. एंडोमेट्रियल कैंसर: अनअपोज्ड एस्ट्रोजन का एक्सपोजर, जो मोटापे से ग्रस्त महिलाओं और पीसीओएस वाली महिलाओं में कॉमन है, एक प्रमुख कारण है.

4. प्रोस्टेट कैंसर: टेस्टोस्टेरोन और इसके डेरिवेटिव्स, डीएचटी, प्रोस्टेट कैंसर सेल के इजाफे को बढ़ावा दे सकते हैं.

हार्मोन को कैंसर से लिंक करने वाले मैकेनिज्म

1. सेल प्रोलिफेरेशन: हार्मोन एक्सेसिव सेल डिविजन को स्टिमुलेट करते हैं, जिससे म्यूटेशन का खतरा बढ़ जाता है.

2. डीएनए डैमेज: कुछ हार्मोन मेटाबोलाइट्स का उत्पादन करते हैं जो डीएनए डैमेज और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बनते हैं.

3. रिसेप्टर एक्टिवेशन: खास रिसेप्टर्स से बंधने वाले हार्मोन अंकंट्रोल्ड सेल ग्रोथ को ट्रिगर कर सकते हैं.

4. इम्यून सप्रेशन: असंतुलन इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे कैंसर सेल्स को पनपने की इजाजत मिलती है.

प्रिवेंशन और अर्ली डिटेक्शन

बैलेंस्ड डाइट को मेंटेन रखना, एक्सरसाइज करना और वेट मैनेज करना हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. पीएसए टेस्ट, पैल्विक एक्जामिनेशन और मैमोग्राम जैसे नियमित स्क्रीनिंग अर्ली डिटेक्शन में मदद करते हैं. मेडिकल सुपरविजन के तहत एचआरटी और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव का कंट्रोल्ड यूज है. प्रिवेंटिव इंटरवेंशन, जैसे कि सेलेक्टिव एस्ट्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर (SERMs) या हाई रिस्क वाले लोगों के लिए सर्जरी, कैंसर के खतरे को और कम कर सकते हैं.