
पीएम मोदी के यूक्रेन यात्रा की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर बात करते हुए तस्वीर हो या शांति की पाठ पढ़ाने वाली नसीहत, पीएम मोदी के कीव दौरे को दुनिया आशा भरी निहागों से देख रहा है। पोलैंड और यूक्रेन के दो अहम दौरे को समाप्त कर जब स्वदेश लौटे तो एयरपोर्ट पर बेहद सादगी के साथ अपने विमान से उतरकर गाड़ी में बैठ पीएम आवास की ओर रवाना होते नजर आए। गौरतलब है कि पहले जब कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा से लौटते थे तो भाजपा अध्यक्ष, कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता उनका स्वागत करने पहुंचते थे।
लेकिन अब जब प्रधानमंत्री यूक्रेन और पोलैंड के महत्वपूर्ण दौरे से लौटे तो ना तो भाजपा अध्यक्ष, ना कोई केंद्रीय मंत्री और ना ही भाजपा का कोई वरिष्ठ या कनिष्ठ नेता उनके स्वागत के लिए पहुंचा। ऐसे में इस बात की चर्चा तेज हो चली है कि बीजेपी में रिवाज बदल गया है या अब पहले जैसा राज नहीं रहा है? लोकसभा चुनाव 2024 में 400 का दंभ भरने वाली पार्टी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई। सरकार भले ही बन गई हो लेकिन बैसाखियों के सहारे मोदी 3.0 का कार्यकाल का आगाज हुआ है। 400 पार और अपने बल पर 370 लाने का दंभ भरने वाली बीजेपी 250 के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई तो चाहने वालों, समर्थकों और भक्त कहे जाने वालों के मन में भी कई सवाल उठने लगे। रही सही कसर पिछले दो हफ्तों में तीन अहम फैसलों के बाद बैकफुट पर जाने वाले कदम ने इसे और हवा दे दी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 400 पार वाली फिल्म फ्लॉप हो गई।
पहले जब कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा से लौटते थे तो भाजपा अध्यक्ष, कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता उनका स्वागत करने पहुँचते थे।
मगर अब जब प्रधानमंत्री यूक्रेन और पोलैंड के महत्वपूर्ण दौरे से लौटे तो ना तो भाजपा अध्यक्ष, ना कोई केंद्रीय मंत्री और ना ही… pic.twitter.com/9ig7YWEaRX
— Neeraj Kumar Dubey (@neerajdubey) August 24, 2024
2024 में वो देखने को मिल रहा है जो इससे पहले के मोदी 1.0 और मोदी 2.0 में देखने को नहीं मिला। अबकी बार एनडीए की सरकार इन दिनों मोदी सरकार अगर एक कदम आगे बढ़ाती है तो उसे दो कदम पीछे वापस खींचने पड़ रहे हैं। 12 दिन में तीन अहम फैसले ऐसे हैं जिस पर सरकार बैकफुट पर नजर आई है। मोदी सरकार को अपने फैसले रद्द करने पड़े हैं, वापस लेने पड़े हैं या फिर उसे ठंडे बस्ते में डालने पड़े हैं। वहीं 4 जून के बाद से क्या पीएम मोदी की कुर्सी खतरे में है? इसी एक सवाल को लेकर देश की राजनीति घूम रही है। विपक्ष की तरफ से लगातार मोदी 3.0 को बैसाखियों की सरकार बताया जा रहा है। साथ ही दवा भी किया जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार कभी भी मोदी सरकार से समर्थन वापस लेकर इसे गिरा सकते हैं। बीजेपी कहा 303 पर थी वो अब 240 पर आ गई है। ये गिनती मोदी 3.0 का पीछा नहीं छोड़ रही है।