
किडनी के बीमारियों का मुख्य कारण
जब आपकी दोनों किडनियां पूरी तरह से खराब हो जाती हैं और रक्त को छानने में असमर्थ हो जाती हैं जिसके कारण क्रोनिक किडनी रोग की समस्या का सामना करना पड़ता है। किडनी के ठीक से काम न करने के कारण शरीर में तरल पदार्थ और अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा काफी बढ़ जाती है जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी कई समस्याएं होती हैं। क्रोनिक किडनी रोग के कारण मधुमेह उच्च रक्तचाप हृदय रोग और मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ता है।
कहा जाता है साइलेंट किलर
किडनी की बीमारी को साइलेंट किलर इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि शुरुआती दौर में इसके कोई भी लक्षण नज़र नहीं आते। यह समस्या धीरे-धीरे शरीर के अंदर बढ़ती जाती है जिसका पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीज को नियमित रूप से खून और पेशाब की जांच करानी पड़ती है। इसलिए अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ है तो ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से खून और पेशाब की जांच करवाते रहें ताकि किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।
किडनी की बीमारी के लक्षण
जब किडनी की बीमारी की समस्या बढ़ जाती है तो शरीर पर इसके कुछ लक्षण दिखने लगते हैं। आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में
- वजन और भूख में कमी
- टखनों में सूजन
- सांस लेने में तकलीफ़
- थकान
- पेशाब में खून आना
- लगातार सिर दर्द
- अन्य चुनौतियाँ
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क्रोनिक किडनी डिजीज़ के कारण एनीमिया आसानी से संक्रमण होना शरीर में कैल्शियम का स्तर कम होना पोटैशियम और फॉस्फोरस का स्तर बढ़ जाना जैसी कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कैसे बचें
किडनी की बीमारी से बचने के लिए कुछ बातों का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है। जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपने खून और पेशाब की जांच करवाएं। इसके जोखिम को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव दवा नियमित मेडिकल जांच जरूरी है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आप स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें।
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Disclaimer: ़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया