रोड एक्सीडेंट के घायलों को अस्पताल पहुंचाने पर मिलेंगे ₹25,000, नितिन गडकरी ने बताया प्लान ) “ ‧‧ .

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केंद्र सरकार रोड एक्सीडेंट में घायल होने वालों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने वाले अच्छे लोगों के लिए इनाम राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये करेगी. वर्तमान में यह राशि 5,000 रुपये है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान दी.

रोड सेफ्टी के मुद्दे पर अभिनेता अनुपम खेर के साथ एक इंटरव्यू सेशन के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि उन्होंने सड़क परिवहन मंत्रालय को इनाम राशि बढ़ाने का निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा इनाम राशि उस व्यक्ति के लिए बहुत कम है जो सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर ले जाता है. बता दें कि रोड एक्सीडेंट होने के 1 घंटे के अंदर जिसे गोल्डन ऑवर कहते हैं, अगर पीड़ित को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसके जिंदा बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है. केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 से इनाम का प्रावधान शुरू किया था, जिससे लोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित हों.

वर्तमान योजना के तहत रोड एक्सीडेंट के पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कार राशि के साथ मान्यता प्रमाण पत्र दिया जाता है. पुरस्कर राशि वास्तविक व्यक्तियों को मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए कई लेवल का वेरिफिकेशन प्रॉसेस है. इसके अलावा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पॉलिसी कहती है कि जो लोग किसी घातक दुर्घटना में पीड़ितों की मदद के लिए आगे आते हैं, वही प्रोत्साहन राशि और प्रमाण पत्र पाने के पात्र हैं. पब्लिक डोमेन में इस बात का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि अब तक कितने लोगों ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने में मदद की है और कितने लोगों को पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है.

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘कैशलेस ट्रीटमेंट’ स्कीम की घोषणा की थी, जिसके तहत सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के 7 दिनों के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी. गडकरी ने कहा कि अगर दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को मिलती है, तो पीड़ित के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. केंद्रीय मंत्री ने हिट-एंड-रन मामलों में मृत पीड़ितों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की थी.

उन्होंने यह भी बताया था कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का मुद्दा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चिंताजनक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया था कि 2024 में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुईं सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.80 लाख लोगों की जान चली गई. इनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं. उन्होंने कहा- दूसरी गंभीर बात यह है कि 66% दुर्घटनाओं में 18 से 34 वर्ष की आयु के शामिल थे. गडकरी ने स्कूलों और कॉलेजों के पास एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर अपर्याप्त व्यवस्था के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 10,000 बच्चों की मौत पर भी प्रकाश डाला.

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