शेयर बाजार में हाहाकार! एक झटके में 25 लाख करोड़ स्वाहा-जानें क्यों मची तबाही जानिए पूरी खबर!! “ • ˌ

शेयर बाजार में हाहाकार! एक झटके में 25 लाख करोड़ स्वाहा-जानें क्यों मची तबाही जानिए पूरी खबर!! “ • ˌ

शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट का दौर इस सप्ताह के पहले दिन सोमवार को भी जारी रहा है. यह रिकॉर्ड चौथा दिन है जब सेंसेक्स (Sensex)और निफ्टी (NIFTY) दोनों ही गिरावट के साथ बंद हुए हैं. रुपया भी डॉलर के मुकाबले अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. 4 कारोबारी दिनों में चार दिनों में बीएसई के मार्केट कैप को 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है. बाजार के धड़ाम से ऐसे गिरने के पीछे देश के साथ वैश्विक परिस्थितियं भी जिम्मेदार हैं.

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली
रुपये में गिरावट का नया रिकॉर्ड सोमवार को बन गया और एक डॉलर के मुकाबले यह 86.61 तक पहुंच गया है. यह रिकॉर्ड गिरावट अमेरिका में सत्ता बदलाव समेत कई अहम कारकों की वजह से देखने को मिल रही है. शेयर बाजार में गिरावट का यह दौर 13 जनवरी से ही देखने को मिल रहा है. सेंसेक्स सोमवार (13 जनवरी) को बड़ी गिरावट के साथ 76,629.90 ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान इसमें 1,129.19 अंकों तक की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी भी लाल निशान के साथ बंद हुआ है.

अमेरिका में सत्ता परिवर्तन और फिर मार्केट में आई जॉब ग्रोथ की वजह से यूएस 10-साल का बॉन्ड यील्ड 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इसका असर भारत समेत दुनिया भर के वैश्विक बाजारों पर देखने को मिल रहा है. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा और मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष जैसी परिस्थितियां भी भारतीज बाजार के प्रदर्शन को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रही है. निवेशकों का अनुमान है कि बाजार में उतार-चढ़ाव का यह दौर आने वाले कुछ समय तक चलता रहेगा.

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 4 मुख्य कारण रहे, आइए जानते हैं-

1. कमजोर ग्लोबल संकतों ने बिगाड़ा बाजार का मूड

कमजोर ग्लोबल संकतों ने बाजार का मूड बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। अमेरिकी जॉब मार्केट के शुक्रवार को आए आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व की ओर से दरों में जल्द कटौती की उम्मीदों को और कमजोर कर दिया। इसके चलते शुक्रवार को अमेरिकी शेयर मार्केट भी लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुए। इसका असर आज एशियाई बाजारों पर भी दिखा और आज सुबह के कारोबार के दौरान एशिया-प्रशांत इलाके के लगभग सभी प्रमुख मार्केट्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

2. डॉलर इंडेक्स 2022 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर

इस बीच डॉलर इंडेक्स बढ़कर अब 2022 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसने भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ा दिया है। सोमवार को भारतीय रुपया कमजोर होकर 86.18 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला।

3. FIIs की लगातार बिकवाली

विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली ने बाजार के सेंटीमेंट को हिलाकर रख दिया है। जनवरी में अब तक विदेशी निवेशक 21,357.46 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। पिछले तीन महीनों के दौरान FIIs ने 1,77,402.49 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों कीलगातार बिकवाली के पीछे मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है।

4. क्रूड ऑयल के दाम में उछाल

क्रूड ऑयल के दाम में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। सोमवार सुबह WTI क्रूड ऑयल के दाम 1.83% बढ़कर 77.97 डॉलर पर कारोबार कर रही थे। वहीं ब्रेंटक्रूड की कीमतें 1.74% बढ़कर 81.15 डॉलर पर कारोबार कर रही थीं। यह इनका पिछले 3 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है।