
बैंकों में यूं तो एक-एक पैसे का हिसाब पक्का होता है लेकिन यहां पर कुछ ऐसा खजाना भी होता है जिस पर किसी ने दावा नहीं किया होता है। ऐसे बिना दावे वाले रुपए इकट्ठा होते-होते बैंक में 78213 करोड़ हो गए हैं। अनक्लेम्ड मनी उसे कहते हैं जिसे आपके किसी परिजन ने बैंक में जमा कराया हो और फिर भूल गए हों। सालों बाद ये पैसा जाकर अनक्लेम्ड अकाउंट ‘डिपॉजिटर्स एजुकेशन और जागरूकता निधि (DEAF)’ में जमा हो जाता है लेकिन बैंक इन पैसों का भी हिसाब बराबर रखता है और आम लोगों को ये सुविधा भी देता है कि वो चेक कर सकें कि इन रुपयों पर उनका हक है या नहीं।
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ये चेक करने के लिए RBI ने उद्गम पोर्टल बनाया है। यहां पर जाकर आप अपनी एलिजेबिलिटी ट्रैक कर सकते हैं। आगे जानें क्या है इसका पूरा प्रॉसेस-
- इसके लिए सबसे पहले आप UDGAM पोर्टल पर जाएं
- अनक्लेम्ड अमाउंट सेक्शन में जाकर रजिस्टर करें।
- रजिस्टर करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और अपना नाम डालें।
- अब पासवर्ड सेट करें और कैप्चा कोड डालें।
- चेक बॉक्स पर टिक करें और नेक्स्ट पर क्लिक करें।
- फिर ओटीपी डालकर वेरिफाई करें।
- अब आप अपना नाम और मोबाइल नंबर डालकर पासवर्ड बना सकेंगे।
- इसके बाद मोबाइल नंबर और पासवर्ड से लॉगइन कर सकेंगे।
- पोर्टल पर यूजर अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के साथ ही उसका क्लेम भी कर सकते हैं।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
अपनी अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए अकाउंट होल्डर और बैंक का नाम दर्ज करना जरूरी है। इसके अलावा पैन वोटर आईडी ड्राइविंग लाइसेंस नंबर पासपोर्ट नंबर या बर्थ सर्टिफिकेट में से किसी एक की जरूरत होगी। ये डिटेल सबमिट करने के बाद आप सर्च ऑप्शन के जरिए अपनी अनक्लेम्ड डिपॉजिट देख पाएंगे।
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