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L&T Chairman: लोग पहले ही काम के कारण खासा तनाव झेल रहे हैं. वर्क-लाइफ बैलेंस मानो एक शब्द ही बनकर रह गया है. हालांकि इसके पीछे काम के अलावा कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं लेकिन लार्सन एंड टूब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन द्वारा सप्ताह में 90 घंटे काम करने की सलाह की सभी जगह आलोचना ही हो रही है. जबकि भारत पहले से ही सबसे लंबे वीकली वर्क ऑवर वाली लिस्ट में शामिल है. आइए जानते हैं कि दुनिया के तमाम देशों में से सबसे ज्यादा घंटे काम करने वाले टॉप 10 देश कौनसे हैं और इस लिस्ट में भारत किस नंबर पर है.
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनिया में सप्ताह में सबसे ज्यादा घंटे काम कराने वाले देशों में टॉप पर भूटान है. भूटान में लोग सबसे ज्यादा सप्ताह में 54.4 घंटे काम करते हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर UAE है जहां साप्ताहिक काम के घंटे 50.9 घंटे हैं. तीसरे नंबर पर कांगों में लोग 48.6 घंटे प्रति सप्ताह और कतर में लोग 48 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं. इसके बाद लिबेरिया, लेबनान, मंगोलिया आदि का नंबर आता है.
भारतीय करते हैं 45 घंटे से ज्यादा काम
वहीं भारत की बात करें तो प्रति सप्ताह काम के घंटों में भारत भी आगे ही है. यहां औसत भारतीय कर्मचारी हर सप्ताह 46.7 घंटे काम करता है. हालांकि ऐसे लोगों की भी बड़ी तादाद है जो रोजाना ऑफिस में 12 घंटे तक बिताते हैं. यानी कि भारत इतने काम के घंटों के साथ दुनिया में टॉप 15 की लिस्ट में आता है.
हफ्ते में 6 दिन 15 घंटे काम
यदि L&T Chairman एसएन सुब्रह्मण्यन के 90 घंटे काम करने वाले तरीके को अपनाए तो इस पर खरा उतरने के लिए व्यक्ति को हर सप्ताह 6 दिन 15-15 घंटे काम करना पड़ेगा. वहीं सप्ताह में 5 दिन काम करें तो रोजाना 18 घंटे काम करना होगा. यानी कि व्यक्ति को 6 घंटे की जरूरी नींद मिलना भी असंभव हो जाएगा.
दुनिया कर रही हफ्ते में 4 दिन काम करने की पैरवी
वहीं दुनिया के विकसित और धनी देशों में काम के घंटे काफी कम हैं. वहीं कई देश तो इस बात की पैरवी करते हैं हफ्ते में 4 दिन ही काम किया जाए और 3 दिन का साप्ताहिक अवकाश दिया जाए. कई देशों में तो हफ्ते में 4 दिन काम लेने का सिस्टम चालू भी हो चुका है. यही नहीं अगर कर्मचारियों से तय घंटों से ज्यादा घंटे काम लिया जाता है, तो उसे ओवरटाइम रिवार्ड भी दिया जाता है.