
खराब लाइफस्टाइल और खानपान के चलते कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं, जिसमें कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ना बहुत ही आम हो गया है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन कर उभर रहा है। कोलेस्ट्रॉल को समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 25 से 30 प्रतिशत आबादी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रही है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए योग गुरु विहान चौधरी ने घरेलू नुस्खा बताया है। जिसकी मदद से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का घरेलू उपाय
योग एक्सपर्ट विहान चौधरी अपने सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य से जुड़ी कई वीडियो और जानकारी शेयर करते रहते हैं। जिनकी मदद से शरीर को फिट और हेल्दी रखा जा सकता है। इस बार विहान चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने का घरेलू नुस्खा बताया है। जिससे इस्तेमाल से कुछ दिनों में सेहत को कई फायदे मिलेंगे। योगा एक्सपर्ट के मुताबिक, लहसुन का सेवन सुबह के समय किया जाए, तो उससे LDL कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। लहसुन अगर 1 महीने तक रोजाना खाया जाए, तो बिना दवा के भी इसे कम किया जा सकता है।
कैसे खाना है लहसुन?
विहान चौधरी के अनुसार, लहसुन खाने के 2 तरीके हैं, पहला- हमें कच्ची लहसुन की 1 कली को छीलकर और बारीक काटकर खाली पेट चबा-चबाकर खाना है। दूसरा- सुबह के समय फ्रेश होने के बाद 1 लहसुन की कली को गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।
खाली पेट लहसुन फायदे
- लहसुन को खाली पेट खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
- लहसुन खाने से हार्ट की हेल्थ अच्छी होती है।
- लहसुन इम्यूनिटी बूस्ट करता है।
- वेट लॉस के लिए खाली पेट लहसुन भी फायदेमंद होता है।
क्या है कोलेस्ट्रॉल?
दरअसल, कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा एक लिपिड फैट होता है, जो विटामिन डी, स्टेरॉयड हार्मोन और पित्त लवण का निर्माण करने के लिए पूरे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लिपोप्रोटीन के रूप में घूमता है और आंत में फैट को तोड़ने में मदद करता है। यह हमारी डाइट के जरिए बॉडी में पहुंचकर नसों में जमने लगता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक LDL Cholesterol तो दूसरा HDL Cholesterol है। LDL Cholesterol खराब कोलेस्ट्रॉल तो HDL Cholesterol गुड कोलेस्ट्रॉल होता है। बॉडी में HDL Cholesterol के बढ़ने से कई तरह की समस्याएं बढ़ने लगती है और दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।