अतुल सुभाष की पत्नी को हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका, एफआईआर रद करने की याचिका की खारिज !! “ • ˌ

आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट से अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सोमवार को निकिता सिंघानिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

अदालत ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और उन्हें आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश दिया।

पिछले साल दिसंबर महीने में आईटी कर्मचारी अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की थी। खुदकुशी से पहले उन्होंने 24 पन्ने के सुसाइड नोट और एक लंबे वीडियो में यातना की पूरी कहानी बयां की थी। अतुल के मुताबिक पत्नी ने तलाक के लिए तीन करोड़ रुपये की राशि मांगी थी।

पीठ ने जारी किया मौखिक आदेश

न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने मौखिक आदेश पारित किया। याचिका में निकिता सिंघानिया ने एफआईआर रद करने की मांग की थी। मगर पीठ ने कहा कि एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज करने को लेकर सबकुछ दिया गया है।

अतुल सुभाष की पत्नी को हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका, एफआईआर रद करने की याचिका की खारिज !! “ • ˌ

पीठ ने पूछा- जांच क्यों नहीं कराना चाहती?

पीठ ने निकिता से पूछा, “शिकायत में अपराध के प्रथम दृष्टया तत्व सामने आ रहे हैं। आप जांच क्यों नहीं कराना चाहती?” वहीं सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि आत्महत्या के लिए उकसाने की एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत में कोई तत्व सामने नहीं है।

वकील ने और क्या तर्क दिया?

वकील ने यह भी कहा कि मृतक अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और परिवार के सदस्यों द्वारा किसी भी ऐसे कृत्य का उल्लेख नहीं किया है, जिसके कारण उसे आत्महत्या करनी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को कानूनी उपचार प्राप्त करने का अधिकार है। सिर्फ अतुल सुभाष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की खातिर उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।

इन लोगों को मिली जमानत

4 जनवरी को बेंगलुरु की एक अदालत ने अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी है। उधर, अतुल सुभाष का परिवार फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने पर विचार कर रहा है। अतुल सुभाष के खुदकुशी करने के बाद पुलिस ने 9 दिसंबर को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108, 3 (5) के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।